कॉलेजियम सिस्टम पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को लगाई फटकार, कहा- अदालत द्वारा बनाए गए कानून का पालन हो
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NJAC कानून रद्द किए जाने और कॉलेजियम के माध्यम से हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के मुद्दे पर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच लंबे समय से चल रही खींचतान में बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय की ओर से एक अहम टिप्पणी की गई। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि जजों की नियुक्ति को लेकर सरकार के पास दूसरी बार भेजे गए नामों को वापस भेजना उसके पहले के निर्देश का उल्लंघन है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न अदालतों में जजों की नियुक्ति की सिफारिश लौटाने को लेकर केंद्र को फिर फटकार लगाई। कोर्ट ने केंद्र सरकार को सख्त नसीहत देते हुए कहा कि NJAC Act को उसके द्वारा रद्द किए जाने का जिक्र किए बगैर शीर्ष कोर्ट ने यह भी कहा कि संसद को कानून बनाने का अधिकार है, लेकिन बनाए गए कानून अदालत की जांच के दायरे में आते हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि इस अदालत द्वारा निर्धारित कानून का पालन किया जाए, अन्यथा लोग उस कानून का पालन करेंगे, जो उन्हें लगता है कि सही है।
आपको बता दें, जजों की नियुक्ति की फाइल सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को वापस भेजने को लेकर केंद्र सरकार व शीर्ष कोर्ट के बीच तकरार चल रही है। पिछले महीने केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की जजों की नियुक्ति की 20 फाइलें लौटा दी थीं। सरकार ने यह भी कहा था कि कॉलेजियम इन नामों पर फिर से विचार करे। इन फाइलों में अधिवक्ता सौरभ कृपाल की नियुक्ति की फाइल भी शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सरकार ने 25 नवंबर को कॉलेजियम को फाइलें वापस भेजी थीं। साथ ही इन नामों पर कड़ी आपत्ति जताई थी।