राष्ट्रपति उम्मीदवार पर ममता बनर्जी का 'यूटर्न', कहा- सर्वसम्मति की उम्मीदवार हो सकती थीं द्रौपदी मुर्मू
नई दिल्ली, 1 जुलाई: राष्ट्रपति चुनाव में इस बार विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा को अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाया है, जो पहले टीएमसी में थे। अब इस चुनाव को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू निर्विरोध चुनाव जीत सकती थीं। अगर चर्चा हुई होती तो वो खुद भी उनका समर्थन करतीं।
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी ने हमारा सुझाव मांगा, लेकिन हमें ये नहीं बताया कि उनका उम्मीदवार कौन है। अगर उनको पता होता कि एनडीए एक आदिवासी महिला को मैदान में उतारने की योजना बना रही है, तो हम इसके बारे में सोच सकते थे। आदिवासी समुदाय के लोगों और महिलाओं के लिए हमारे मन में बहुत सम्मान है। सीएम ने आगे कहा कि ऐसी ही सर्वसम्मति एपीजे अब्दुल कलाम के मामले में हुई थी। हमारे गठबंधन में 16-17 दल हैं। मैं अब पीछे नहीं हट सकती, क्योंकि बहुत सी पार्टियां साथ हैं।
वहीं ममता बनर्जी के इस बयान पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हो सकता है कि वो बीजेपी के प्रेशर में हों। उन्होंने ही अपना फैसला दूसरों पर थोपने की कोशिश की। उन्होंने ही यशवंत सिन्हा का नाम आगे किया था, लेकिन अब वो जिम्मेदारी से भाग रही हैं। अगर उन्होंने यूटर्न लिया, तो इसका मतलब साफ है कि उनको बीजेपी से फोन आया होगा और वो पीएम के प्रेशर में होंगी। वैसे भी उनके पीएम से अच्छे संबंध हैं। चौधरी के मुताबिक कांग्रेस इस लड़ाई में है, क्योंकि वो बीजेपी का विरोध करती है। ये उसके लिए सिद्धांत की बात है।
राष्ट्रपति चुनाव: द्रौपदी मुर्मू को जीत दिलाने के लिए ओडिशा कांग्रेस से भी समर्थन मांगेगी बीजेडी
बीजेपी
ने
कही
ये
बात
वहीं
बीजेपी
नेता
दिलीप
घोष
ने
कहा
कि
उन्होंने
ये
बयान
इस
वजह
से
दिया
क्योंकि
उनको
पता
है
कि
यशवंत
सिन्हा
हार
जाएंगे।
वो
सिर्फ
पब्लिसिटी
की
तलाश
में
हैं।
सिन्हा
के
नाम
के
बाद
बीजेपी
ने
द्रौपदी
मुर्मू
के
नाम
का
ऐलान
किया।
जब
सिन्हा
ने
नामांकन
दाखिल
किया
तो
वो
गैरहाजिर
थीं,
जबकि
मुर्मू
के
नामांकन
में
पीएम
और
कई
बड़े
नेता
मौजूद
थे।