अशोक गहलोत बोले- राजस्थान में खुला खेल था, जिसमें भाजपा के लोग मात खा गए
नई दिल्ली। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट की बगावत और राज्य में जारी सियासी संकट के लिए भाजपा को जिम्मेदार बताया है। मंगलवार शाम ट्वीट कर गहलोत ने कहा, बीजेपी के मंसूबे पूरे नहीं हुए, उन्होंने कर्नाटक, मध्यप्रदेश में धनबल के आधार पर जो कुछ भी खेल खेला था राजस्थान में भी वो लोग वही करना चाहते थे। खुला खेल था। मैं समझता हूं कि खुले खेल में वो लोग मात खा गए।
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गहलोत ने कहा, मैनेजमेंट बीजेपी का है। जो मध्यप्रदेश के वक्त में कर रहे थे वही अब मैनेजमेंट कर रहे है, वही टीम वापस लग गई है क्योंकि उनका पहले का अनुभव हो गया इस रूप में वहां पर पूरा खेल चल रहा है। ऐसे खेल के अंदर आखिर में सरकार के सामने चारा क्या है। एक और ट्वीट में उन्होंने कहा, सरकार को गुड गवर्नेंस देनी है, जो हमने वादे किये हैं जनता से उनको निभाना है। कोविड महामारी के समय में हम लोगों ने जान लगा दी। ऐसे वक्त में सरकार गिराने की किसी की हिम्मत होना आप सोचिये दुर्भाग्यपूर्ण है कि नहीं है।
सचिन पायलट को कैबिनेट से बाहर करने के फैसले पर गहलोत कहा, मजबूरी में पाार्टी को फैसला करना पड़ा क्योंकि काफी समय से भाजपा षड़यंत्र कर रही थी। बीजेपी के षड़यंत्र में फंसकर हमारे कुछ साथी गुमराह होकर दिल्ली चले गए थे। सचिन पायलट के हाथ में कुछ भी नहीं है, जो पूरा कुनबा है वो भाजपा के हाथ में खेल रहा है। रिजॉर्ट बुक किया गया है, सारी व्यवस्था भाजपा की है। जो टीम पहले मध्य प्रदेश में व्यवस्था कर रही थी वही टीम इस बार व्यवस्था कर रही है।
बीजेपी के मंसूबे पूरे नहीं हुए, उन्होंने कर्नाटक, मध्यप्रदेश में धनबल के आधार पर जो कुछ भी खेल खेला था राजस्थान में भी वो लोग वही करना चाहते थे। खुला खेल था....और मैं समझता हूँ कि खुले खेल में वो लोग मात खा गए.. pic.twitter.com/pdjDgrhBcQ
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 14, 2020
अशोक गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट का जो रवैया रहा है 6 महीने से 'आ बैल मुझे मार' जैसा रहा है। रोज ट्वीट करना स्टेटमेंट देना। विधायकों के साथ मैंने कोई भेदभाव नहीं किया, खुशी किसी को नहीं है। पूरे प्रयास किए गए पर फिर भी देखा गया कि सौदे हो चुके हैं भाजपा के साथ नजदीकियां बढ़ चुकी हैं।
सरकार को गुड गवर्नेंस देनी है, जो हमने वादे किये हैं जनता से उनको निभाना है... कोविड महामारी के समय में हम लोगों ने जान लगा दी।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 14, 2020
ऐसे वक्त में सरकार गिराने की किसी की हिम्मत होना आप सोचिये दुर्भाग्यपूर्ण है कि नहीं है? pic.twitter.com/gV3tUAX8h3
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