सेलेक्ट कमेटी की बैठक में नहीं शामिल होंगे CJI रंजन गोगोई, यह है वजह
नई दिल्ली। सीबीआई चीफ आलोक वर्मा केस में चीफ जस्टिस रंजन गोगई ने खुद को सेलेक्ट कमेटी से बाहर ऱखने का फैसला किया है। उन्होंने अपने स्थान पर जस्टिस एके सीकरी को हाई पावर कमेटी के लिए नोमिनेट किया है। यही हाई पावर कमेटी फैसला करेगी कि उन्हें पद से हटाया जाए या नहीं। इस कमेटी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे होंगे। ये अहम बैठक आज होने वाली है।
बताया जा रहा है कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने ही आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई कर फैसला दिया है, इसलिए उन्होंने सेलेक्ट कमेटी की बैठक से अलग करके खुद बैठक में नहीं जा रहे हैं। इसी के चलते उन्होंने वरिष्ठता में दूसरे नंबर के जज एके सीकरी को इस बैठक के लिए नमाकिंत किया है। ये कमेटी आलोक वर्मा के खिलाफ CVC की जांच पर फैसला लेगी। सेलेक्ट कमेटी की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खगडे के साथ होगी। यह कमेटी ही आलोक वर्मा का भविष्य तय करेगी।
इसके अलावा यह भी उम्मीद लगाई जताई जा रही है कि, पीएम मोदी , कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और जस्टिस सीकरी इस बैठक में आलोक वर्मा के उत्तराधिकारी का भी चयन कर सकते हैं। बता दें कि अलोक वर्मा 31 जनवरी को अपने पद से रिटायर हो रहे हैं।
बता दें कि, केंद्र सरकार को मंगलवार को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब उच्चतम न्यायालय ने आलोक कुमार वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद पर बहाल कर दिया। न्यायालय ने वर्मा को सीबीआई निदेशक की शक्तियों से वंचित कर अवकाश पर भेजने का केंद्र सरकार का आदेश रद्द कर दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी शर्त ऱख दी कि आलोक वर्मा जांच पूरी होने तक कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकते हैं।
बता दें कि सीबीआई में शीर्ष पदों पर तैनात दो अफसरों में झगड़ा सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने दोनों को छुट्टी पर भेज दिया गया था। जिसके बाद सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के फैसले को गलत ठहराते हुए पद पर बहाल कर दिया था। इसी बीच आलोक वर्मा ने बुधवार को दोबारा सीबीआई दफ्तर जाकर निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला।
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