सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने अटॉर्नी जनरल से की मुलाकात
भारतीय इतिहास में पहली बार सर्वोच्च चार वरिष्ठ न्यायाधीशों ने प्रेस वार्ता की
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट और इसके कार्यों से जुड़े मामलों पर चर्चा के लिए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल से मुलाकात की है। इसी बीच ये ये खबर आई थी कि देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा मीडिया से बात करेंगे। इस दौरान अटॉर्नी जनरल भी उनके साथ होंगे। लेकिन अब बताया जा रहै है कि सीजेआई का प्रेस कॉन्फ्रेंस का कोई कार्यक्रम नहीं है। इससे पहले भारतीय इतिहास में पहली बार सर्वोच्च चार वरिष्ठ न्यायाधीशों ने प्रेस वार्ता की। इस प्रेस वार्ता में न्यायाधीश चेलमेश्वर, न्यायाधीश जोसेफ कुरियन, न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायाधीश एम बी लोकुर मौजूद थे। इस दौरान सभी न्यायाधीशों में कई बातें रखीं।
वहीं खबर है कि जजों की पीसी के बाद पीएम मोदी ने तुरंत कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और राज्य मंत्री पीपी चौधरी से इस मुद्दे पर मुलाकात की है। आपको बता दें कि चीफ जस्टिस के बाद दूसरे सबसे सीनियर जज जस्टिस चेलमेश्वर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है, अगर ऐसा चलता रहा तो लोकतांत्रिक परिस्थिति ठीक नहीं रहेगी, उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे पर चीफ जस्टिस से बात की, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी इसलिए हमें आज ये करना पड़ रहा है और सबके सामने बोलना पड़ रहा है।
जजों की इस पीसी के बाद अब बयानबाजी तेज हो गई है, यूपीए सरकार में देश के कानून मंत्री रह चुके अश्विनी कुमार ने कहा कि ये न्यायपालिका की इमेज के लिए सही नहीं है तो वहीं देश के वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम ने इस पूरे मामले पर कहा कि ये न्यायपालिका के लिए काला दिन है। आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद हर कोई न्यायपालिका के फैसले को शक की निगाहों से देखेगा।
हम नहीं बोले तो देश में लोकतंत्र खत्म हो जाएगा: जस्टिस चेलमेश्वर