चंद्रयान-2 ने पृथ्वी की तीसरी कक्षा में किया प्रवेश, इसरो बोला- चंद्रमा से सिर्फ 3 कदम दूर
बेंगलुरु। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई को रवाना किए गए चंद्रयान-2 ने सोमवार को पृथ्वी की कक्षा तीसरी बार सफलतापूर्वक बदल ली। इसके साथ ही मिशन चंद्रयान-2 चांद के पथ पर पहुंचने से केवल तीन कदम दूर रह गया है। इसरो के मुताबिक, सोमवार को ढाई बजे से साढ़े तीन बजे के बीच चंद्रयान-2 को धरती की अगली तीसरी कक्षा में प्रवेश कर गया। अब तक इसरो चंद्रयान-2 को धरती की दो कक्षाओं में सफलतापूर्वक प्रवेश करा चुका है।
भारतीय स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि, आज तीसरी बार कक्षा बदलने के साथ ही अब हमारा चंद्रयान चंद्रमा से अब तीन कदम दूर है। तीसरे कक्षा परिवर्तन के लिए सोमवार को दोपहर 3:12 बजे यान में मौजूद तरल एपोगी मोटर (लैम) को 98 9 सेकंड तक फायर किया गया। इसके बाद चंद्रयान 276 किमी (पेरिगी-धरती से यान की न्यूनतम दूरी) गुणा 71,792 किमी (एपोगी-धरती से यान की अधिकतम दूरी) वाली अंडाकार कक्षा में चला गया।
इस बार के मैनुवर में चंद्रयान की पेरिगी और एपोगी दोनों बढ़ाई गई। इसके पहले 26 जुलाई को प्रोपल्शन सिस्टम के जरिए 883 सेकेंड की फायरिंग करके इसे दूसरी अगली कक्षा में दाखिल कराया गया था। इसरो ने कहा है कि स्पेसक्रॉफ्ट की सभी प्रक्रियाएं सुचारू रूप से चल रही हैं। धीरे-धीरे यह धरती की कक्षाओं को पार करते हुए चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा।
अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक चंद्रमा के गुरुत्व क्षेत्र में प्रवेश करने पर चंद्रयान-2 की प्रणोदन प्रणाली का इस्तेमाल अंतरिक्ष यान की गति धीमी करने में किया जाएगा, जिससे कि यह चंद्रमा की प्रारंभिक कक्षा में प्रवेश कर सके। इसके बाद चंद्रमा की सतह से 100 किमी की ऊंचाई पर चंद्रमा के चारों ओर चंद्रयान-2 को पहुंचाया जाएगा।
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