क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Chandrayaan 2: 10 साल के बच्चे ने ISRO को लिखी चिट्ठी, कही वो बात जिसका खयाल किसी को नहीं आया

Google Oneindia News

नई दिल्ली। चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की लैंडिंग चंद्रमा पर 7 सितंबर की देर रात 1.55 बजे होने वाली थी, लेकिन चंद्रमा पर लैंडिंग से 2.1 किमी पहले ही लैंडर का संपर्क इसरो सेंटर से टूट गया। लैंडर विक्रम से संपर्क टूटते ही वैज्ञानिकों के साथ-साथ देशभर के लोगों में मायूसी छा गई। हालांकि, कुछ देर के भीतर ही पूरे देश से इसरो का हौसला बढ़ाने वाले संदेशों की बाढ़ सी आ गई। इन संदेशों ने अंतरिक्ष में तमाम उपलब्धियां हासिल करने वाले इसरो को हार ना मानने और निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। ऐसा ही एक भावनात्मक संदेश 10 बच्चे के बच्चे ने एक पत्र के जरिए लिखा है।

अंजनिया ने इसरो से निराश ना होने को कहा

अंजनिया ने इसरो से निराश ना होने को कहा

अंजनिया कौल ने इसरो के वैज्ञानिकों के लिए एक पत्र लिखा है जिसका शीर्षक है, 'एक आभारी भारतीय की भावनाएं', अंजनिया ने इसरो को अगले साल जून में चंद्रयान-3 लॉन्च करने के लिए अपने मिशन पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया है। शनिवार को अपनी मां ज्योति कौल द्वारा ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक संदेश में, अंजनिया ने इसरो से निराश ना होने को कहा है। अंजनिया ने कहा लिखा, 'हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि ऑर्बिटर अभी भी काम कर रहा है और जल्द ही हमें पिक्चर भी भेजेगा।'

ये भी पढ़ें: Chandrayaan 2: लैंडर विक्रम से नहीं हो पा रहा है इसरो का संपर्क, चंद्रयान-1 के डायरेक्‍टर ने बताई यह वजहये भी पढ़ें: Chandrayaan 2: लैंडर विक्रम से नहीं हो पा रहा है इसरो का संपर्क, चंद्रयान-1 के डायरेक्‍टर ने बताई यह वजह

इसरो के वैज्ञानिक अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं- अंजनिया

इसरो के वैज्ञानिक अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं- अंजनिया

अंजनिया ने इस पत्र में लिखा कि इसरो के वैज्ञानिक अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं, उन्होंने लिखा, 'इसरो आप हमारा गर्व हो।' अंजनिया ने लिखा, 'इतनी जल्दी दुखी मत होइए। हम चांद पर जरूर पहुंचेंगे।' रविवार को इसरो चीफ के. सिवन ने बताया कि चंद्रयान-2 का लैंडर मिल गया है लेकिन अभी तक इससे कोई कॉन्‍टैक्‍ट नहीं हो सका है। सिवन ने यह भी बताया कि ऑर्बिटर ने लैंडर की थर्मल इमेज भी क्लिक की है। दरअसल, शनिवार को लैंडर विक्रम को चांद के साउथ पोल पर लैंड करना था लेकिन चांद से 2.1 किलोमीटर पहले इसका संपर्क ग्राउंड स्‍टेशन से टूट गया था।

'इतनी जल्दी दुखी मत होइए- अंजनिया

के. सिवन ने इसके पहले पहले बताया था कि चंद्रयान-2 मिशन के दो उद्देश्य हैं- एक साइंस और दूसरा टेक्वॉलजी डिमांस्ट्रेशन। साइंस पार्ट ज्यादातर ऑर्बिटर के जिम्मे है जबकि दूसरे पार्ट में लैंडिंग और रोवर था। साइंटिफिक पार्ट में देखें तो ऑर्बिटर में विशेष पेलोड्स हैं और हम इसके जरिए चांद की सतह पर 10 मीटर तक पोलर रीजन में पानी और बर्फ का पता लगा सकते हैं।

विक्रम का लोकेशन मिला

विक्रम का लोकेशन मिला

विक्रम का लोकेशन पता चलने से कई राज खुलने की उम्मीद है। इसरो के वैज्ञानिकों को ये पता चल गया है कि उनके संपर्क से बाहर जाने वाला लैंडर अभी कहां हैं। इस बात का पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि लैंडर विक्रम चांद की सतह पर लैंड कर गया है, लेकिन उसे नुकसान कितना हुआ है। इसरो चीफ का कहना है कि लैंडर से संपर्क स्थापित कर लिया जाएगा। के. सिवन ने पहले भी कहा था कि ये मिशन नाकाम नहीं हुआ है और ऑर्बिटर चांद की कक्षा में सफलतापूर्वक चक्कर लगा रहा है। उन्होंने एक बार फिर उम्मीद जताई है कि लैंंडर से संपर्क कर लिया जाएगा।

Comments
English summary
chandrayaan 2: 10 years old boy writes to isro scientists over vikram lander
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X