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दिल्ली में टूट की ओर बढ़ी कांग्रेस? चाको ने पलटा शीला दीक्षित का फैसला

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नई दिल्ली- दिल्ली में कांग्रेस की 280 ब्लॉक-लेवल कमिटियों के भंग करने के प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित के फैसले के एक दिन बाद पीसी चाको ने उसे पलट दिया है। चाको के इस कदम से दिल्ली कांग्रेस में दो फाड़ होने के हालात पैदा हो गए हैं। क्योंकि, 15 साल मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित दिल्ली कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता हैं और पीसी चाको के पास अभी दिल्ली में पार्टी का प्रभार है और वे कांग्रेस के प्रभारी महासचिव हैं।

चाको ने लगाई शीला के फैसले पर रोक

चाको ने लगाई शीला के फैसले पर रोक

पार्टी सूत्रों के मुताबिक दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी महासचिव पीसी चाको ने ब्लॉक कमिटियों को भंग किए जाने के शीला दीक्षित के फैसले पर रोक लगाते हुए, अपने आदेश की कॉपी पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को भेज दी है। दोनों नेताओं में टकराव की यह स्थिति तब पैदा हुई है, जब शुक्रवार को ही राहुल ने दीक्षित और चाको से मुलाकात के दौरान उनसे दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर एकजुट होकर कार्य करने की हिदायत दी थी, जो कि अगले साल की शुरुआत में होने की संभावना है।

जांच कमिटी की रिपोर्ट पर शीला का ऐक्शन

जांच कमिटी की रिपोर्ट पर शीला का ऐक्शन

गौरतलब है कि राहुल गांधी से मुलाकात के कुछ ही घंटों बाद शीला ने लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी तय करने के लिए खुद की बनाई कमिटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए सभी 280 ब्लॉक कमिटियां भंग कर दी थीं। इस कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस के नेताओं का एक ग्रुप शनिवार को कांग्रेस संगठन के महासचिव केसी वेणुगोपाल और पीसी चाको से मिलकर विरोध जताया आया था। विरोध करने वाले एक नेता चतर सिंह ने कहा था कि, "हमनें दोनों नेताओं को बताया है कि ब्लॉक कमिटियां और उसके अध्यक्ष का चुनाव हुआ था और विधानसभा चुनावों से पहले उन्हें इस तरह से अचानक भंग नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उनके गठन में बहुत समय लगता है।"

दिल्ली में गुटबाजी में फंसी कांग्रेस

दिल्ली में गुटबाजी में फंसी कांग्रेस

दरअसल, दिल्ली कांग्रेस में शीला-विरोधी खेमे की शिकायत है कि उन्होंने चाको को विश्वास में लिए बिना ही अपनी मनमर्जी से ये फैसला लिया है। पिछले साल इन ब्लॉक कमिटियों का चुनाव अजय माकन के अध्यक्ष पद पर रहते हुए किया गया था। दिल्ली कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का दावा है कि, "अजय माकन की अगुवाई में बनी ब्लॉक कमिटियों को भंग करने की कोशिश दीक्षित की ओर से अपनी अध्यक्षता में अपने दबदबे के तहत उसे फिर से गठित करने का प्रयास है।" जबकि, शीला खेमे के एक नेता का दावा है कि विधानसभा चुनावों को देखते हुए नई कमिटियां गठित करने की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है।

अबकी बार, राहुल देंगे किसका साथ?

अबकी बार, राहुल देंगे किसका साथ?

दिल्ली कांग्रेस में शीला दीक्षित और पीसी चाको के बीच मतभेद की बात कोई नई नहीं है। लोकसभा चुनावों के दौरान भी आम आदमी पार्टी से समझौते को लेकर यह विवाद खुलकर सामने आ चुका है। चाको अंत-अंत तक प्रयास करते रहे कि सातों सीटों पर अरविंद केजरीवाल के संग तालमेल करके पार्टी अपने उम्मीदवार उतारे, लेकिन शीला अड़ी रहीं और अकेले चुनाव लड़ने से जरा भी डिगने के लिए तैयार नहीं हुईं। अंत शीला को ही कामयाबी मिली और तब चाको चारों खाने चित हो गए। लेकिन, अबकीबार उन्होंने शीला के फैसले को पलटकर बहुत बड़ी चाल चल दी है। सवाल उठता है कि अगर उन्होंने ये सब अपनी मनमर्जी से किया है, तो शीला अपना तेवर दिखाए बिना चुप नहीं बैठने वालीं। लेकिन, अगर चाको को ऐसा करने का इशारा ऊपर से ही मिला है, तो शीला के लिए आगे की राह मुश्किल हो सकती है।

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English summary
Chacko overturns Sheila Dixit’s decision to dissolve committees in Delhi congress
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