केंद्र का पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को नोटिस, हो सकती है जुर्माने की कार्यवाही
नई दिल्ली, 21 जून: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सलाहकार अलपन बंदोपाध्याय को केंद्र सरकार ने एक बार फिर नोटिस जारी किया है। पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन से केंद्र ने बीते महीने आदेश के बावजूद दिल्ली आकर रिपोर्ट ना करने को लेकर जवाब मांगा है। केंद्र की ओर से अलपन बंदोपाध्याय को जवाब देने के लिए एक महीने का वक्त दिया गया है।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि 30 दिन के भीतर अपने बचाव में जवाब दाखिल कर दें। अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो ऑल इंडिया सर्विसेज (अनुशासन और अपील) नियमों के तहत उनके खिलाफ जुर्माने की कार्यवाही शुरू की जाएगी।
अलपन बंदोपाध्याय पूर्व आईएएस अफसर हैं। इसी साल 31 मई वो पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के पद से रिटायर हुए हैं। उनकी रिटायरमेंट के एक दिन बाद ही बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनको अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त कर दिया था। इस समय वो ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार के तौर पर काम कर रहे हैं।
केंद्र से अलपन का विवाद क्या है
अलपन बद्योपाध्याय 60 साल की उम्र पूरा करने के बाद 31 मई को रिटायर हो रहे थे लेकिन 24 मई को ही उनका कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। 28 मई की रात को केंद्र की ओर से अचानक ही अलपन बंदोपाध्याय की सेवाएं मांगी गईं और 31 मई को उनको दिल्ली पहुंच रिपोर्ट करने को कहा। केंद्र की ओर से उनका तबादला दिल्ली किए जाने के बाद बंदोपाध्याय ने 31 मई को तीन महीने का सेवा विस्तार ना लेने का फैसला किया और रिटायरमेंट ले ली। जिसके बाद उनको बंगाल सरकार ने ममता बनर्जी का मुख्य सलाहकार नियुक्त कर दिया।
केंद्र सरकार की ओर से तब भी अलपन बंदोपाध्याय को तबादले के बावजूद दिल्ली ना पहुंचने पर नोटिस जारी किया गया और उनसे जवाब मांगा गया था। अब एक बार फिर जुर्माने की चेतावनी के साथ उनको नोटिस भेजा गया है।
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पश्चिम बंगाल काडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी बंदोपाध्याय को ममता बनर्जी के सबसे करीबी अफसरों में गिना जाता था। उनको दिल्ली बुलाए जाने के बाद ममता बनर्जी ने काफी विरोध किया था और केंद्र के तरीके पर सवाल उठाए थे।