तेल के जरिये आम आदमी की जेब पर डाका, येचुरी ने बताया गणित
23 अप्रैल को पेट्रोल दिल्ली में 55 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। पेट्रोल एक पैसे और डीजल चार पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ था।
नई दिल्ली। देश में पेट्रोल और डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं लेकिन सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने पर फिलहाल विचार नहीं कर रही है। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने सोमवार को कहा कि अभी दाम उस स्तर पर नहीं पहुंचे हैं, जिसके लिए इस तरह का कदम उठाया जाए। इसी बीच मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने डीजल और पेट्रोल की कीमतों को लेकर सरकार को निशाने पर लिया है। सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर एक डेटा पेश किया है और कहा है कि केंद्र और ज्यादातर राज्यों की सरकारें लोगों पर असहनीय बोझ डाल रही हैं। केंद्र की सरकार देश में टैक्स बढ़ाती जा रही जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम घटे हैं। उन्होंने कहा हैं कि मोदी सरकार सभी भारतीयों को चोट पहुंचा रही है और पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से ज्यादा चोट गरीबों को लग रही है। सीताराम येचुरी ने अपने ट्वीट के जरिए पूरे गणित को समझाया है।
55 महीने के उच्च स्तर पर पहुंचे पेट्रोल के दाम
23 अप्रैल को पेट्रोल दिल्ली में 55 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। पेट्रोल एक पैसे और डीजल चार पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ था। बढ़ोतरी के लिहाज से दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 74.08 रुपए और मुंबई में 81.93 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड महंगा होने से तेल की कीमतों में 16 अप्रैल से तेजी बनी हुई है। इस साल 1 जनवरी 2018 से अब तक पेट्रोल 4 रुपए महंगा हो चुका है।
पेट्रोल पर 4 साल में 105% बढ़ाई ड्यूटी
एक अप्रैल 2014 को पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपए प्रति लीटर थी, अब 19.48 रुपए है। यानी 105% ज्यादा। दिल्ली में वैट 15.84 रुपए है। कीमत का 47.4% टैक्स में जाता है। वहीं 1 अप्रैल 2014 को डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3.56 रुपए प्रति लीटर थी, अब 15.33 रुपए है। यानी 330% ज्यादा। दिल्ली में वैट 9.68 रुपए है। कीमत का 38.03% हिस्सा टैक्स है।
एक रुपये की कटौती पर इतने का राजस्व नुकसान
एक्साइज ड्यूटी में अगर एक रुपये की भी कटौती होती है, तो इससे सरकार को 13,000 करोड़ रुपये का राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है। बता दें कि केंद्र सरकार फिलहाल पेट्रोल पर 19.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.33 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूलती है। इसके बाद राज्यों की तरफ से वैट लगाया जाता है।
Amounts amassed by BJP central and most state governments imposing unbearable burdens on the people. Modi govt has raised taxes even when the international price was rock-bottom, hurting all Indians, and the poorest the most. pic.twitter.com/m7POrR5I6H
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) April 29, 2018
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