कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच केंद्र ने किए कई बड़े प्रशासनिक फेरबदल, स्वास्थ्य सचिव को सेवा विस्तार
नई दिल्ली- कोरोना वायरस के जारी संकट और लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने आज बड़े प्रशासनिक फेरबदल के फैसले के किए हैं। सबसे बड़ा फैसला स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन का है, जिनको कोरोना संकट को देखते हुए तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया है। इस बीच केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र सीमा घटाने की कुछ खबरों को भी भ्रामक बताते हुए उसका पूरी तरह से खंडन कर दिया है।
बता दें कि मोदी सरकार ने आज जो प्रशासन फेरबदल को लेकर कुछ अहम फैसले लिए हैं, उसमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव प्रीति सूदन को तीन महीने का सेवा विस्तार दे दिया गया है। जाहिर है कि कोरोना से जारी जंग के दौरान किसी नए अफसर के लिए चीजों को समझने में थोड़ा वक्त लग सकता है और हालात उतना समय देने के लिए कोई तैयार नहीं है। इस मंत्रालय की मौजूदा वक्त में अहमियत को समझते हुए राजेश भूषण को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी के तौर पर नियुक्त किया है। राजेश भूषण अभी ग्रामीण विकास विभाग में सचिव के पद पर तैनात हैं।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड की चेयरपर्सन अनीता करवाल को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय में स्कूल एजुकेशन और लिटरेसी विभाग का सचिव नियुक्त कर दिया है। इसी तरह से केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव अमित खरे को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में पोस्ट विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है।
उधर प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र घटनाने की अफवाहों का खंडन किया है। उन्होंने कहा है, 'सरकार में किसी भी स्तर पर इस तरह का कोई भी चर्चा नहीं हुई और न ही इस तरह का कभी विचार ही सामने आया है। यह हमेशा से बताया जाता रहा है। मुझे नहीं पता कि इस तरह की प्रेरित शरारत बार-बार क्यों सामने आता है। सरकारी कर्मचारियों की रिटारमेंट की उम्र घटाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।'
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