2021 की जनगणना में पहली बार अलग से अन्य पिछड़ी जातियों का डाटा जुटाएगी सरकार
नई दिल्ली। भारत सरकार 2021 की जनगणना में अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) का डाटा अलग से जुटाने की तैयारी कर रही है। 2021 की जनगणना के संबंध में शुक्रवार को अहम बैठक के बाद गृह मंत्रालय की ओर से ये जानकारी दी गई है। अभी तक की जनगणनाओं में कभी ऐसा नहीं हुआ है कि अलग से ओबीसी डाटा जुटाया गया हो। 2021 में पहली बार ओबीसी का आंकड़ा अलग से जुटाया जाएगा।
2021 की जनगणना की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने समीक्षा बैठक की है। बैठक में नई तकनीक के इस्तेमाल को लेकर बात की गई ताकि जनगणना के आंकड़े जल्दी दिये जा सकें। इस दफा सरकार जनगणना के लिए पहली बार सेटेलाइट के जरिए जानकारी इकट्ठा करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है।
आर या पार के मूड में शिवपाल यादव, मुलायम सिंह को दिया 2 दिन का अल्टीमेटम
अभी तक जनगणना प्रक्रिया के पूरा होने के बाद फाइनल आंकड़ों के आने में सात से आठ साल का समय लगता था। वहीं इस बार ये प्रक्रिया तीन साल में पूरी की जाएगी। इसके लिए 25 लाख से ज्यादा कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी। सरकार की कोशिश है कि नई तकनीकी के जरिए 2024 तक देश की जनसंख्या की तस्वीर साफ कर दी जाए।
कई नेता लगातार ये मांग करते रहे हैं कि पिछड़ी जाति के लोगों को उनकी आबादी के अनुपात में नौकरियों और दूसरी जगहों पर सुविधाओं का फायदा नहीं मिल रहा है। कई नेता जातिगत जनगणना की भी मांग करते रहे है। ऐसे में ये भी माना जा रहा है कि ओबीसी का अलग से डाटा जुटाने का प्रस्ताव एनडीए सरकार 2019 के चुनाव को ध्यान में रखकर ला रही है।
हिन्दुत्व अभी बंटा हुआ है, जागा तो आजम खान जैसों को रसगुल्ले की तरह निगल लेगा: अमर सिंह