NSE फोन टैपिंग: सीबीआई ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे को किया गिरफ्तार
नई दिल्ली, 24 सितंबर: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) फोन टैपिंग मामले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है, जहां शनिवार को मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे को गिरफ्तार किया गया। इससे पहले उनको प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था और वो न्यायिक हिरासत में थे। शनिवार को गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने उन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी। फिलहाल कोर्ट ने चार दिन की रिमांड मंजूरी की है। कोर्ट ने कहा कि अभी सीबीआई के पास इस केस को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
दरअसल सीबीआई और ईडी दोनों मिलकर इस केस की जांच कर रही हैं। इसमें घोटाले के साथ मनी लॉन्ड्रिंग का भी शक है। जुलाई में ईडी ने पूर्व सीईओ रवि नारायण, एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण और मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडे के खिलाफ पीएमएल के तहत मामला दर्ज किया था। इस तीनों पर करोड़ों की हेरफेर का आरोप है।
पांडे
पर
क्या
हैं
आरोप?
आरोपों
के
मुताबिक
संजय
पांडे
ने
भारतीय
पुलिस
सेवा
से
इस्तीफा
देकर
एक
सिक्योरिटी
एजेंसी
खोली
थी।
उनकी
कंपनी
को
साल
2010
से
साल
2015
तक
नेशनल
स्टॉक
एक्सचेंज
की
सिक्योरिटी
ऑडिट
का
काम
सौंपा
गया।
इसी
दौरान
वहां
पर
लोकेशन
घोटाला
हुआ।
उस
ऑडिट
के
बदले
में
पांडे
की
कंपनी
को
करोड़ों
रुपये
तो
मिले
ही
थे,
साथ
ही
उसके
नाम
पर
उन्होंने
कई
कर्मचारियों
के
फोन
भी
टैप
किए।
फोन टैपिंग मामले में पूर्व NSE चीफ रवि नारायण गिरफ्तार, ईडी ने की कार्रवाई
ऐसे
समझें
लोकेशन
घोटाला
दरअसल
को-लोकेशन
सेवा
में
ब्रोकर्स
को
अपने
सर्वर
एक्सचेंज
परिसर
में
लगाने
की
अनुमति
दी
जाती
है।
इसके
जरिए
वो
शेयर
बाजार
पर
नजर
रखते
हैं
और
जानकारियों
का
आदान-प्रदान
करते
हैं।
इस
में
धांधली
करके
कई
ब्रोकर्स
ने
करोड़ों
रुपये
का
फायदा
कमाया।
इसकी
जांच
में
एल्गोरिदम
में
छेड़छाड़
की
बात
सामने
आई
थी।