राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को मंत्रिमंडल की मंजूरी, ये राज्य कर चुके हैं इनकार
नई दिल्ली। झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे घोषित होने के बाद आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस बैठक में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को मंजूरी मिल गई है। जानकारी के मुताबिक हर नागरिक के लिए रजिस्टर में नाम दर्ज कराना जरूरी होगा। एनपीआर में ऐसे लोगों का लेखा जोखा होगा, जो किसी इलाके में 6 महीने से रह रहे हों। एनपीआर अपडेट करने की प्रक्रिया अगले वर्ष शुरू होगी।
प्रक्रिया अप्रैल से शुरू होने वाली है
इस बैठक में 2021 की जनगणना और एनपीआर को अपडेट करने की औपचारिक मंजूरी मिलने की संभावना जताई थी। असम को छोड़कर सभी केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों में एनपीआर अपडेट करने की प्रक्रिया अगले वर्ष पहली अप्रैल से शुरू होने वाली है। ये प्रक्रिया सितंबर तक होगी। साल 2010 में पहली बार एनपीआर बनाने की शुरुआत हुई थी। अधिकारियों का कहना है कि 2015 में डोर-टू-डोर सर्वेक्षण और अपडेट के लिए डाटा का डिजिटलीकरण अब पूरा हो गया है।
इन राज्यों ने एनपीआर पर काम करना बंद किया
पश्चिम बंगाल और केरल ने एनपीआर पर काम करना बंद कर दिया है। ऐसा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के संसद के दोनों सदनों में पास होने के बाद हुआ। बीते हफ्ते केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा था, 'नागरिकता संशोधन कानून 2019 के मद्देनजर उठाई गई चिंताओं पर विचार करने के बाद अब राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि वह एनपीआर को अपडेट करने की प्रक्रिया में सहयोग नहीं करेगी। ये एनआरसी को आसान बनाने के लिए है।'
ममता बनर्जी ने क्या कहा?
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था, 'राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर की तैयारी और अपडेट के बारे में सभी गतिविधियां पश्चिम बंगाल में रोक दी गई हैं। पश्चिम बंगाल सरकार की मंजूरी के बिना एनपीआर से जुड़ी कोई गतिविधि नहीं की जा सकती है।' पश्चिम बंगाल की सरकार ने नागरिकता संशोधित कानून के आने के बाद से एनपीआर पर चल रहे काम पर रोक लगाने के आदेश दे दिए थे। बंगाल उन तीन राज्यों (केरल, पंजाब और पश्चिम बंगाल) में से एक है जिसने साफ तौर पर कह दिया है कि वह अपने यहां सीएए लागू नहीं होने देगा। लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि इस मामले में राज्यों के पास कोई विकल्प नहीं है।
एनपीआर क्या है
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनपीआर यानी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, वो रजिस्टर है जिसमें देश में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की पूरी जानकारी होगी। एक ऐसा रजिस्टर जिसमें देश के निवासियों की पहचान से जुड़ी हर तरह की सूचना होगी। गृह मंत्रालय के तहत आने वाली ऑफिस ऑफ द रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर की वेबसाइट के मुताबिक यह देश में रहने वाले लोगों की जानकारी का एक रजिस्टर होगा।
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