CAA पर बवाल के बीच भाजपा नेता ने कहा, 'बंदूक का जवाब बंदूक से ही दिया जाएगा'
भाजपा के दिग्गज नेता एच राजा ने कहा, 'वो लोग सैंकड़ों लोगों को मारना चाहते थे, इसलिए...'
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में चल रहे विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी हैं। राष्ट्रीय जनता दल ने आज नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बिहार बंद का आह्वान किया है। वहीं शुक्रवार को यूपी के गाजियाबाद, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, कानपुर, सम्भल, बिजनौर और मुजफ्फरनगर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। यूपी में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान पांच लोगों के मरने की खबर है। इससे पहले गुरुवार को कर्नाटक के मंगलुरू में भी हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में दो लोगों की जान चली गई। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस फायरिंग का समर्थन किया है।
'वो लोग सैंकड़ों लोगों को मारना चाहते थे'
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, तमिलनाडु में भाजपा के दिग्गज नेता एच राजा ने कर्नाटक के मंगलुरू में की गई पुलिस की कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा, 'बंदूक को हमारा जवाब भी बंदूक के जरिए ही दिया जाएगा। वो लोग सैंकड़ों लोगों को मारना चाहते थे, इसलिए पुलिस के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था। पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। प्रदर्शनकारियों का पूरे देश में आग लगाने का इरादा है। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया गया।' एच राजा इससे पहले भी कई मौकों पर विवादित बयान दे चुके हैं।
मंगलुरू में दो लोगो की हुई थी मौत
आपको बता दें कि गुरुवार को कर्नाटक के मंगलुरू में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की फायरिंग में जलील और नौसीन नामक दो लोगों की मौत हो गई थी। एच राजा ने चेन्नई पुलिस से अपील की, कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 23 दिसंबर को होने वाली डीएमके की रैली को इजाजत ना दी जाए। उन्होंने कहा कि इस विरोध प्रदर्शन में हिंसा हो सकती है। एच राजा ने कहा कि मैं छात्रों से भी कहना चाहूंगा कि इस तरह के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के बजाय क्रिसमस की छुट्टियों का आनंद लें।
यूपी में 10 लोगों की मौत
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश की राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद देशभर में इस कानून का विरोध शुरू हो गया। पिछले कुछ दिनों में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान कर्नाटक, यूपी, और असम में कई लोगों की जान जा चुकी है। अकेले यूपी में हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान 10 लोगों के मरने की खबर है। यूपी में हिंसा फैलाने के आरोप में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है।