सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने उठाया किसान आंदोलन का मुद्दा, संसद में चर्चा की मांग
नई दिल्ली। बजट सत्र के एजेंडा को लेकर प्रधानमंत्री ने आज (30 जनवरी) ने सर्वदलीय बैठक की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में किसान आंदोलन का मुद्दा छाया रहा। विपक्ष के सांसदों ने प्रधानमंत्री इसको लेकर सवाल किए तो पीएम मोदी ने भी इस पर बोला। सरकार को बैठक में शामिल एनडीए का कृषि कानूनों पर साथ मिला तो कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना और अकाली दल ने किसान आंदोलन को लेकर सवाल किए।

बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में टीएमसी के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय, शिवसेना सांसद विनायक राउत और अकाली दल के बलविंदर सिंह भांडेर ने दो महीने से ज्यादा चल रहे किसान आंदोलन का सरकार की ओर से हलना निकाले जाने को लेकर सवाल किया। वहीं जदयू के आरसीपी सिंह ने सरकार का समर्थन किया।
बैठक के बाद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, हमने कृषि कानून को वापस लेने की गुहार लगाई। बेरोजगारी, आर्थिक स्थिति और राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा उठाया। हमनें जम्मू-कश्मीर का मुद्दा भी उठाया और कहा कि उसे राज्य का दर्जा दिया जाए। हम देश की सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार के साथ हैं।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि बैठक के बाद बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा है कि कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से जो कहा, उसे सरकार फिर दोहरा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जो प्रस्ताव दिया था, हम उस पर चर्चा के लिए तैयार है। कृषिमंत्री ने कहा है कि वो बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं। किसान जब चाहें विमर्श कर सकते हैं। सरकार का प्रस्ताव अब भी वही है और हम कहना चाहते हैं कि इसका समाधान बातचीत के जरिए ही निकलेगा।
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में ज्यादातर पार्टियों ने हिस्सा लिया। विपक्ष ने मांग की है कि लोकसभा में बिल के अलावा चर्चा हो, सरकार इसके लिए सहमत है। विपक्ष ने किसानों के मुद्दे पर भी चर्चा की मांग की है। इसके लिए भी सरकार तैयार है।
इससे पहले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किाया। राजस्थान के नागौर से सांसद बेनीवाल ने कहा कि आज वर्चुअल माध्यम से बजट सत्र को लेकर होने वाली सर्वदलीय बैठक का किसान आंदोलन के समर्थन में बहिष्कार करता हूं। प्रधानमंत्री से फिर अपील करता हूं कि आप तत्काल प्रभाव से किसानों की मांग पर सकारात्मक निर्णय लें। बता दें कि संसद का बजट सत्र शुक्रवार से शुरू हो चुका है।
ये भी पढ़ें- सरकार ने गाजीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का इंटरनेट किया बंद