Budget 2019: जानिए सरकार ने इस बार कितना रखा है रक्षा बजट, मॉर्डनाइजेशन पर होगा कितना खर्च
नई दिल्ली। मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू होने के साथ ही पहला आम बजट भी पेश कर दिया गया। बतौर वित्त मंत्री यह निर्मला सीतारमण का पहला बजट था। सीतारमण जो मोदी कार्यकाल के दौरान रक्षा मंत्री का पद संभाल रही थी, उनसे रक्षा क्षेत्र के जानकारों को बहुत उम्मीदें थीं। वे मान रहे थे कि सीतारमण इस बार के बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए बजट बढ़ा सकती हैं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है और अंतरिम बजट के दौरान जो राशि रक्षा बजट के लिए रखी गई थी, वह राशि ही इस बार के बजट में भी है। इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
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सेनाओं को मिला कितना पैसा
साल 2019-20 के वित्तीय वर्ष के रक्षा बजट तीन लाख 19 करोड़ रखा गया है। वहीं इस रक्षा बजट में 2 लाख 10 हजार करोड़ रुपए राजस्व खर्च के लिए तो एक लाख आठ हजार करोड़, सेनाओं के आधुनिकीकरण पर खर्च के लिए रखे गए हैं। वित्त मंत्री बजट भाषण के दौरान रक्षा बजट का कोई जिक्र नहीं किया। उन्होंने इस बात का ऐलान जरूर किया कि रक्षा उपकरणों को कस्टम ड्यूटी से बाहर रखा गया है। लेकिन भाषण के दौरान उन्होंने कोई और ऐलान नहीं किया। रक्षा क्षेत्र के जानकार इस बार के रक्षा बजट से खासे निराश हैं। सरकार ने सेनाओं के आधुनिकीकरण पर खर्च होने वाली रकम में इजाफा तो किया है मगर ये रकम बहुत कम है। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा, 'रक्षा क्षेत्र को आधुनिकीकरण की सख्त जरूरत है। यह एक राष्ट्रीय प्राथकिमता है। इस मकसद के लिए रक्षा उपकरण, जिनका निर्माण भारत में नहीं हो रहा है और जिन्हे बाहर से खरीदा जा रहा है, उन्हें कस्टम ड्यूटी से बाहर रखा गया है।'
क्या कहा वित्त मंत्री ने
इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने इससे जुड़े कई अहम जवाब दिया। वित्त मंत्री ने कहा, 'मैंने सदन में इसका कोई जिक्र नहीं किया। रक्षा क्षेत्र को चार बातों के आधार पर पैसा मिलता है। डिफेंस सेक्टर के लिए आवंटन को बजट 2019 में बढ़ाया गया है। चारों क्षेत्र-डिफेंस पेंशन, कैपिटल आउटले, राजस्व और असैन्य सेवाओं में इसे बढ़ाया गया।' फरवरी में जब तत्तकालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने सरकार का अंतरिम बजट पेश किया था तो उन्होंने तीन लाख 19 करोड़ रुपए ही रक्षा बजट के लिए आवंटित किए थे। इसमें से एक लाख तीन हजार 380 करोड़ रुपए खर्च के लिए रखे गए थे। सीतारमण ने इस रकम को बढ़ाकर एक लाख तीन हजार 394 करोड़ रुपए कर दिया है।