Budget 2019: मनरेगा के आवंटन में इजाफा, 60 हजार करोड़ रुपए का मिला आवंटन
नई दिल्ली। मोदी सरकार आज अपने कार्यकाल का आखिरी बजट पेश कर रही है। अंतरिम बजट 2019 को पेश करते हुए अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कई बड़े ऐलान किए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने बजट 2019-2020 में प्राथमिकता दी है। पीयूष गोयल ने ग्रामीण गरीबों, एनआरईजीएस के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण योजना के लिए 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। उन्होंने 2019-20 में योजना के लिए 60,000 रुपए आवंटित किया। वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए, एनआरईजीएस को 55,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
बता दें कि मनरेगा मतलब महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत देश के ग्रामीण इलाकों में गरीबों के लिए कम से कम 100 दिनों के रोजगार निर्धारित है। इस योजना को साल 2005 में लॉन्च किया गया था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार एनआरईजीएस के तहत धन की कुल उपलब्धता 58,403.69 करोड़ रुपए है। बता दें कि 2015-2016 के बजट भाषण के दौरान मनरेगा को सबसे अधिका आवंटन की घोषणा करते हुए जेटली ने इस योजना के लिए 34,699 करोड़ रुपए आवंटित किए थे। जो पिछले वित्त वर्ष में लगभग 12 प्रतिशत था। हालांकि मनरेगा के लिए राशि के आवंटन में हर साल वृद्धि देखने के मिली है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एनआरईजीएस के तहत (2018-19) के लिए धन की कुल उपलब्धता 58,403.69 करोड़ रुपए हैं। जबकि 2017-18 के लिए 68,107.86 करोड़ रुपए, 2016-17 के लिए 57,386.67 करोड़ रुपए, 2015-16 के लिए 43,380.62 करोड़ रुपए, 2014-15 के लिए 37,588.03 करोड़ रुपए है। जबकि कुल खर्च की बात करे तो 2018-19 कुल व्यय 51,510.82 करोड़ रुपए, 2017-18 के लिए 63,646.41 करोड़ रुपए, 2016-17 के लिए 58,062.92 करोड़ रुपए, 2015-16 के लिए 44,002.59 करोड़ रुपए, 2014-15 में कुल व्यय 36,025.04 करोड़ रुपए रहा है।
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