5 लाख तक कोई टैक्स नहीं, बाकी को कितने फीसदी देना होगा?
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने पांच साल के कार्यकाल का आखिरी बजट संसद पेश कर दिया है। इस बार के बजट में कर दाताओं को बड़ी राहत दी गई है। क्योंकि मौजूदा 2.5 लाख टैक्स स्लैब को बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है। मतलब अब से 5 लाख रुपए तक के इनकम वाले किसी भी व्यक्ति को किसी भी कर का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। लेकिन जैसे ही इनकम पांच लाख रुपए के उपर हुई उनको सरकार के इस फैसले के लाभ नहीं मिल पाएगा। ऐसे में उनको केवल मानक कटौती का लाभ मिलेगा।
वर्तमान में है यह व्यवस्था
वर्तमान में 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के लिए 2.5 लाख रुपए तक की आय कर से मुक्त है। इसी प्रकार 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए, लेकिन 80 वर्ष से कम आयु के लिए, 3 लाख रुपए तक की आय को कर से छूट प्राप्त है। वहीं पांच लाख रुपए तक की आय वाले सुपर सीनियर सिटिजन (80 वर्ष और उससे अधिक आयु) के लिए कर से मुक्त हैं।
सलाना होगी 12,500 रुपए की बचत
बता दें कि 2017 के बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आय के लिए कर की दर 250,001 रुपए से 5 लाख तक के लिए आय की दर 10 प्रतिशत की थी। लेकिन अब इस बार के बजट में मिली राहत के बाद करदाताओं को 12,500 रुपए की राहत मिली है। मतलब ये वो राशि है जो वो टैक्स के रूप में सरकार को देते लेकिन अब टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी की वजह से एक तरह से ये उनकी बचत है। अब आइए समझ लेते हैं कि 5 लाख से उपर वालों को कितना टैक्स देना पड़ेगा।
60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के लिए आयकर की दरें इस प्रकार हैं
60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के लिए आयकर की दरें इस प्रकार हैं। 2.5 लाख रुपए तक की आय पर कोई कर नहीं, 250,001 से 5 लाख रुपए के बीच आय पर 5 प्रतिशत कर। 500,001 और 10 लाख रुपए के बीच आय पर 20 प्रतिशत कर और 10 लाख रुपए से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत कर देना पड़ेगा। ये वो टैक्स दर है जिसे सरकार ने इस बार के बार के बजट में शामिल किया है। वहीं 80 वर्ष या इससे अधिक आयु के सुपर वरिष्ठ नागरिकों के लिए, 5 लाख रुपए तक की आय को कर में छूट दिया गया है। 500,001 से 10 लाख रुपए तक की आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर लगाया जाता है।