मायावती ने मोदी सरकार के सवर्ण आरक्षण के फैसले पर क्या कहा?
मोदी सरकार के सवर्ण आरक्षण के फैसले पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने बड़ा बयान दिया है।
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नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) से ठीक पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने एक बड़ा सियासी दांव चलते हुए आर्थिक रूप से कमजोर उच्च जाति के लोगों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण (Upper Caste Reservation) देने का फैसला लिया है। सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। संविधान में संशोधन के जरिए केंद्र सरकार सवर्ण समाज के लिए आरक्षण का कोटा बढ़ाएगी। मोदी सरकार के इस फैसले से सियासी हलचल तेज हो गई है। बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर बड़ा बयान दिया है।
'राजनीतिक छलावा है सरकार का फैसला'
आर्थिक रूप से कमजोर उच्च जाति के लोगों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा, 'बहुजन समाज पार्टी (BSP) उच्च जातियों के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए आरक्षण का स्वागत करती है। केंद्र सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला सही है, लेकिन इस फैसले के पीछे की मंशा सही नहीं है। 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लिया गया ये फैसला हमें सही नीयत से लिया गया फैसला नहीं लगता है, बल्कि एक चुनावी स्टंट लगता है, राजनीतिक छलावा लगता है। अच्छा होता अगर भाजपा (BJP) अपना कार्यकाल खत्म होने से ठीक पहले नहीं, बल्कि और पहले इस फैसले को ले लेती।'
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'SC/STऔर OBC के लिए 50% हो आरक्षण'
मायावती ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मेरा मानना है कि विभिन्न अल्पसंख्यक धार्मिक वर्गों के गरीब लोगों के लिए भी आरक्षण का दायरा बढ़ाना चाहिए। गरीबों, आदिवासियों और दलितों का आरक्षण केवल शिक्षा क्षेत्र या नौकरियों तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि जिन क्षेत्रों में अभी तक आरक्षण नहीं है, वहां भी इसे लागू करना चाहिए। हम केंद्र सरकार से यह भी मांग करते हैं कि पिछड़ों और गरीबों की आबादी के आधार पर सरकार को इनके लिए एक अलग आरक्षण नीति की रूपरेखा तैयार करनी चाहिए। मैं यह भी मांग करती हूं कि एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को उनकी बढ़ती आबादी को देखते हुए 50% तक बढ़ाया जाना चाहिए।'
49.5% से बढ़कर 59.5% होगा अब आरक्षण
आपको बता दें कि सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव पर सरकार ने मुहर लगाई। इस फैसले के बाद आरक्षण का कोटा 49.5 फीसदी से बढ़कर 59.5 फीसदी हो जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट में तय किया गया है कि यह आरक्षण शिक्षा और नौकरी में दिया जाएगा। दरअसल काफी समय से ये मांग की जा रही थी कि आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को भी आरक्षण दिया जाए। सरकार के इस फैसले को ज्यादातर राजनीतिक दलों ने अपना सर्मथन दिया है। मंगलवार को सरकार संविधान में संशोधन के लिए लोकसभा में बिल पेश करेगी। माना जा रहा है कि कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल इस बिल का समर्थन कर सकते हैं।
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