हार के बाद संकट में घिरी कमलनाथ सरकार को लेकर मायावती ने उठाया बड़ा कदम
लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर छाए संकट के बीच मायावती ने एक बड़ा कदम उठाया है।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड जनादेश पाने के बाद एनडीए ने केंद्र में 'एक बार फिर मोदी सरकार' का गठन कर लिया है। गुरुवार को प्रधानमंत्री पद पर नरेंद्र मोदी की दूसरी बार ताजपोशी के साथ ही उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने भी शपथ ग्रहण की। वहीं, लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में गहराया संकट अभी तक खत्म नहीं हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश के बाद पार्टी के नेता उन्हें मनाने में जुटे हुए हैं। इस बीच मुश्किलों में घिरी मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को समर्थन देने को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने बड़ा ऐलान किया है। दरअसल भारतीय जनता पार्टी के नेता लगातार यह दावा कर रहे हैं कि मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार अल्पमत में है और मुख्यमंत्री कमलनाथ को सदन में बहुमत साबित करना चाहिए।
समर्थन पर ये है BSP का बयान
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर छाए संकट के बादलों के बीच बहुजन समाज पार्टी ने ऐलान किया है कि वो प्रदेश की कांग्रेस सरकार को बाहर से अपना समर्थन देना जारी रखेगी। बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामजी गौतम ने कमलनाथ सरकार को समर्थन जारी रखने के मुद्दे पर कहा, 'प्रदेश में सांप्रदायिक और जातिवादी ताकतों को सत्ता में आने से रोकने के लिए हमारी पार्टी ने कांग्रेस सरकार को बाहर से सर्मथन दिया हुआ है, जो आगे भी जारी रहेगा। कांग्रेस की सरकार को समर्थन जारी रखने का फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्तर पर लिया गया है।' गौरतलब है कि हाल ही में मध्य प्रदेश की बसपा विधायक रमाबाई ने दावा किया था कि भाजपा की तरफ से उन्हें 50 करोड़ रुपए और मंत्री पद का ऑफर दिया जा रहा है।
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BSP के दोनों विधायक कांग्रेस के साथ
बसपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रामजी गौतम ने आगे कहा, 'हमारी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती का रुख इस मामले पर शुरुआत से ही स्पष्ट रहा है। हम मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार को केवल बाहर से समर्थन देंगे। हमारा कोई विधायक सरकार में किसी पद को स्वीकार नहीं करेगा। हमारे किसी विधायक का मंत्री पद लेने का सवाल ही नहीं उठता है।' आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में बीएसपी के दो विधायक हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की भिंड सीट से संजू कुशवाहा और पथरिया सीट से रमाबाई ठाकुर बीएसपी के टिकट पर चुनाव जीती थीं। प्रदेश की कमलनाथ सरकार को बसपा के दोनों विधायकों का समर्थन मिला हुआ है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के एक विधायक और चार निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी सरकार के साथ है।
संकट के बीच BSP विधायक का बड़ा दावा
हाल ही में पथरिया सीट से बसपा विधायक रमाबाई ठाकुर ने मीडिया के सामने दावा किया था कि भाजपा के नेताओं ने उनसे कहा है कि अगर वो प्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराने में मदद करें तो बदल में उन्हें 50 करोड़ रुपए और नई सरकार में मंत्री पद मिल सकता है। रमाबाई ने कहा कि वो ऐसे प्रलोभनों के चक्कर में नहीं फंसने आने वाली हैं और मुख्यमंत्री कमलनाथ को उनका समर्थन जारी रहेगा। आपको बता दें कि बीते 30 अप्रैल को मध्य प्रदेश की राजनीति में उस वक्त हलचल तेज हो गई थी, जब मायावती ने कहा था कि वो कमलनाथ सरकार को समर्थन जारी रखने के मुद्दे पर फिर से विचार करेंगी। दरअसल लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की गुना सीट पर बसपा प्रत्याशी ने अपना समर्थन कांग्रेस के उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया को दे दिया था, जिसके बाद मायावती ने यह बयान दिया।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस को करारी हार मिली है। मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस को केवल एक सीट पर ही जीत मिल पाई है, जबकि 28 सीटों पर भाजपा ने अपना परचम लहराया है। मध्य प्रदेश में यह भाजपा का अभी तक का सबसे शानदार प्रदर्शन है। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मोदी की लहर के दम पर प्रदेश की 29 में से 27 सीटों पर जीत हासिल की थी। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की हार इसलिए भी बड़ा झटका है, क्योंकि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उसने भाजपा को हराकर प्रदेश की सत्ता हासिल की थी। ऐसे में मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इस चुनाव में सीएम कमलनाथ के बेटे भी छिंदवाड़ा सीट से चुनाव हार गए, जबकि छिंदवाड़ा सीट कमलनाथ का गढ़ मानी जाती है।
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