राजनीति से कमजोर ना हों देश की सीमाएं, Article 370 पर एस जयशंकर ने दी कड़ी नसीहत
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को मुद्दा बनाने वाले नेताओं को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कड़ी नसीहत दी। उन्होने कहा कि राजनीति से देश की सीमाएं कमजोर नहीं होनी चाहिए।
S Jaishankar in IIM Kolkata: आईआईएम कलकत्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय मामलों में एक बड़ा बदलाव हो रहा है। ऐसे में इसकी समझ रखना बेहद महत्वपूर्ण है। रूस यूक्रेन संघर्ष को लेकर उन्होंने कहा कि इस युद्ध दूसरे देशों के बीच संबंधों में नाटकीय परिवर्तन देखा गया। व्यापार, ऋण और यहां तक कि पर्यटन को भी दबाव का हथियार बनाया जा रहा है। वहीं जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 (Article 370) को मुद्दा बनाने वाले नेताओं को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कड़ी नसीहत दी।
कोलकाता के भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM Kolkata) में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हाल के वर्षों में ये देखा गया है कि कैसे व्यापार, संपर्क, ऋण, संसाधन और यहां तक कि पर्यटन भी राजनीतिक दबाव के बिंदु बन चुका है। यूक्रेन संघर्ष ने नाटकीय रूप से इस तरह के लाभ का दायरा बढ़ा दिया है।
हम अपनी प्रतिभा को निखारने, कर्मचारियों के लिए मजबूत सुरक्षा, छात्रों के लिए अधिक अवसर और हमारे व्यवसायों के लिए हमारे बाजारों की व्यवस्था करते हैं। यह इस बात को भी दर्शाता है कि कितने भारतीय व्यक्तिगत, पेशेवर या पर्यटन उद्देश्यों के लिए यात्रा करते हैं। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि हम वंदे भारत मिशन के माध्यम से COVID के दौरान 7 मिलियन से अधिक भारतीयों को वापस लाए। ऐसा इसलिए है क्योंकि आज का भारत वैश्विक वर्किंग प्लेस का बेहतर और प्रभावी ढंग से उपयोग करता है। इसका कारण यह है कि हमारी हमारी प्रतिभा और कौशल में अब वैश्विक स्तर पर विकास हुआ है।
उन्होंने कहा कि विदेश नीति सभी देशवासियों के के लिए हित और गर्व का विषय है। इससे हमारे जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित होते हैं। आज की राजनीति को देश की सीमाओं (Borders issues) को कमजोर नहीं बनाना चाहिए और ना ही उससे राष्ट्र के व्यापक हित को नुकसान पहुंचाना चाहिए। साल 2019 में अनुच्छेद 370 (Article 370) को निरस्त करने के फैसले को लेकर सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा कि तथ्य यह है कि हमारे पास इतना गंदा मुद्दा था.. जिसका पूरी दुनिया ने इस्तेमाल किया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि प्रौद्योगिकी नियंत्रण, बुनियादी ढांचा, सेवा प्रतिबंध और संपत्ति पर कठोर नियंत्रण इसके परिणाम हैं। वैश्विक नियमों को देशों ने निजी हित के लिए जिस तरह प्रयोग किया उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। विदेश मंत्री ने कहा कि आज दुनिया के देशों में महान शक्ति बनने की होड़ मची है। जिसके चलते कई क्षेत्रों में तनाव पैदा हो रहा है। विदेश मंत्री ने वर्तमान के वैश्विक युग को दोधारी बताया।
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जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों ने हम सभी को डिजिटल होने के लिए मजबूर किया है। हमारी डिजिटल डिलीवरी का पैमाना चाहे वह भोजन, वित्त, स्वास्थ्य, पेंशन या सामाजिक लाभ हो बेहतर सुविधा उपलब्ध कराता है। यह न केवल वैश्विक कम्युनिकेशन के एक अलग मॉडल उपलब्ध कराता है बल्कि राष्ट्रीय अवसरों को भी बढ़ावा देता है।