सीमा विवाद: चीनी चुनौती के बीच इस सप्ताह होगी IAF शीर्ष कमांडरों की बैठक, राफेल की तैनाती पर होगी चर्चा
नई दिल्ली। चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच भारतीय वायु सेना के शीर्ष कमांडर पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति और इस महीने के अंत तक भारत पहुंचने वाले राफेल लड़ाकू विमानों के तेजी से परिचालन को लेकर तैयार किए जा रहे स्टेशन पर चर्चा करने के लिए इस सप्ताह एक बैठक करेंगे। भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि शीर्ष कमांडर 22 जुलाई से शुरू होने वाले दो दिवसीय कमांडरों के सम्मेलन के लिए इस सप्ताह मिलेंगे।
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया की अगुवाई में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन उनके सभी सात कमांडर भाग लेंगे। इस दौरान चर्चा के लिए सबसे अहम मुद्दा पूर्वी लद्दाख में हुए हिंसक झड़प और सीमा पर चीन की स्थिति होगा। इसके अलावा पूर्वी लद्दाख और उत्तरी सीमाओं में सुरक्षाबलों की तैनाती पर भी चर्चा हो सकती है। वायु सेना ने अपने आधुनिक फाइटर जेट मिराज 2000, सुखोई -30 और मिग -29 को उन्नत और आगे के ठिकानों के साथ तैनात किया है, जहां से वे दिन और रात दोनों समय ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं।
बता दें कि एडवांस अपाचे हेलीकॉप्टर को भी चीन सीमा पर तैनात किया गया है। वह रात के समय भी पूर्वी लद्दाख क्षेत्र पर लगातार गश्त कर रहा है। वायुसेना के शीर्ष कमांडर फ्रांस में इस महीने के अंत तक देश में पहुंचने वाले राफेल फाइटर जेट्स की तेजी से तैनाती और परिचालन पर भी चर्चा करेंगे। अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सबसे एडवांस जेट अपने सबसे एडवांस हथियार प्रणालियों से लैस हैं और यह लड़ाकू विमान भारतीय वायु सेना को किसी भी परिस्थिति से निपटने के काबिल बनाते हैं। उन्होंने कहा कि फाइटर जेट्स में भारत स्पेसिफिक एन्हांसमेंट के साथ-साथ लंबी दूरी के हथियार जैसे उल्का एयर टू एयर मिसाइल भी चीन और पाकिस्तान पर भारत की धौंस को कामय करता है।