भाजपा ने किया कांग्रेसी गुलाम नबी आजाद का रेड कारपेट वेलकम, कुछ और बढ़ीं नजदीकियां
नई दिल्ली: कांग्रेस में गांधी परिवार की तरफ से उपेक्षित दिख रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भारतीय जनता पार्टी के और करीब आते नजर आ रहे हैं। हाल ही में दिल्ली में मोदी सरकार की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में उनकी जिस तरह से मेजबानी की गई है, वह किसी कांग्रेसी नेता के लिए सामान्य से परे है। इसमें केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से एक सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन किया गया था, जिसमें राज्यसभा के पूर्व नेता विपक्ष को सरकार की ओर से रेड कारपेट वेलकम मिलते देख, वहां मौजूद लोग भी दंग रह गए। असल में समारोह स्थल के कोने-कोने में जिस तरह से आजाद की मौजूदगी नजर आ रही थी, उसमें समझने के लिए बहुत कुछ था।
सरकारी कार्यक्रम में आजाद का रेड कारपेट वेलकम
अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित मुशायरा कार्यक्रम में मोदी सरकार की ओर से गुलाम नबी आजाद को बतौर 'गेस्ट ऑफ ऑनर' आमंत्रित किया गया था। पूरे अंबेडकर सेंटर में हर जगह उनके रंग-बिरंगे पोस्टर और बैनर नजर आ रहे थे। वहां पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जीतेंद्र सिंह ने इस वरिष्ठ कांग्रेसी नेता की खुद आगवानी की। उन्हें इन्हीं दोनों मंत्रियों के साथ अगली पंक्ति की वीवीआईपी सीट पर बिठाया गया। दिलचस्प बात ये है कि जीतेंद्र सिंह भी संसद में जम्मू-कश्मीर का ही प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से राज्यसभा में उनके विदाई भाषण के दौरान उनके राजनीतिक जीवन को लेकर कही गईं भावुक बातों के बाद शनिवार को यह लगातार दूसरा ऐसा सार्वजनिक मौका था कि केंद्र सरकार की ओर से उन्हें हाथों-हाथ लिया गया।
भाजपा के और करीब आए गुलाम नबी आजाद!
जिस सरकारी कार्यक्रम में उन्हें औपचारिक तौर पर 'गेस्ट ऑफ ऑनर' का सम्मान मिला उसका टाइटल केंद्र सरकार की 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की थीम पर था। यह एक मुशायरा कार्यक्रम था, जहां जुटे वसीम बरेलवी समेत कई मशहूर उर्दू शायरों और उर्दू साहित्य जगत के लोगों ने भी उनकी खूब सराहना की। इस दौरान मंच से भी शायरों ने उनका जिक्र किया और उनको संबोधित कर कुछ शेर-ओ-शायरी भी सुनाए। राज्यसभा से उनकी विदाई के बाद कांग्रेस पार्टी ने आजाद को अबतक कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी है, लेकिन सरकारी मुशायरा कार्यक्रम में उपस्थिति के बाद उनके भाजपा के करीब आने के कयास लगने स्वाभाविक हैं। वहां पर मौजूद भाजपा के एक पदाधिकार के मुताबिक,'आजाद साहेब सच्चे राजनेता हैं, निकट भविष्य में घाटी में वह बीजेपी का चेहरा हो सकते हैं। उनके जैसे व्यक्ति का सभी दलों में सम्मान है।'
पीएम मोदी ने राज्यसभा में की थी जमकर तारीफ
एक समय में आजाद को राजीव गांधी का कट्टर वफादार माना जाता था, लेकिन कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में इस समय उन्हें ऐसे नेता के तौर पर देखा जाता है, जो राहुल गांधी के काम करने के तरीके से संतुष्ट और सहमत नहीं हैं। कुछ दिन पहले ही पार्टी ने उन्हें राज्यसभा की सदस्यता से रिटायर होने का इंतजार किया और उनकी जगह राहुल के बेहद खास मल्लिकार्जुन खड़गे को सदन में विपक्ष के नेता का पद दे दिया। कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि अगर नेतृत्व चाहता तो उनके लिए कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही कोई रास्ता निकाल लिया जाता। इससे पहले जब 9 फरवरी को पीएम मोदी ने राज्यसभा में बहुत ही भावुक होकर उन्हें अपना सच्चा मित्र बताया था और कहा था कि सदन में उनकी जगह जो भी आएंगे, उन्हें इनकी जगह लेने में बहुत दिक्कत होगी। सभापति वेंकैया नायडू ने भी उनकी खूब सराहना की थी।
गुलाम नबी आजाद के मन में चल क्या रहा है?
वैसे भाजपा में जाने की अटकलों पर कश्मीर से आने वाले ये नेता पहले यह कहकर विराम लगा चुके हैं कि 'हां, वह तभी बीजेपी में शामिल होंगे जब कश्मीर में काली बर्फ गिरेगी।' उन्होंने कहा था कि इस तरह की अफवाह उड़ाने वाले लोग उन्हें नहीं जानते। ऐसे में अगर वह कांग्रेस में राहुल गांधी के अघोषित कमान संभालने के दौरान भी मोदी सरकार से नजदीकियां बढ़ा रहे हैं तो उनके मन में भविष्य को लेकर क्या चल रहा है यह बहुत बड़ा सवाल है।