सपा-बसपा गठबंधन टूटने पर भाजपा का तंज, ये तो होना ही था
नई दिल्ली। बसपा प्रमुख मायावती के समाजवादी पार्टी से अलग होने और उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में अकेले लड़ने के ऐलान के बाद भाजपा ने दोनों दलों पर निशाना साधा है। भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा ने कहा है कि सपा और बसपा ने स्वार्थ के लिए ये गठबंधन किया था। जनता ने इसे पहचाना और दोनों दलों के अवसरवाद को नकारा दिया। उन्होंने कहा कि ये स्वार्थ का गठबंधन था और ये टूटना ही था क्योंकि जनता ने उनको खारिज कर दिया।
भाजपा नेताओं ने ली चुटकी
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि जाति के नाम पर बने गठबंधनों की उम्र कम ही होती है। समय बीतने के बाद वह अपना अस्तित्व खो देते हैं। उत्तर प्रदेश में अवसरवादी गठबंधन हुआ लेकिन जनता ने सबको साथ लेकर चलने की नरेंद्र मोदी की नीति को स्वीकारा है और सारे अवसरवादी गठबंधन को नकार दिया। एक वक्त मायावती के खास रहे और अब योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी तंज करते हुए कहा कि जनता ने नकारा तो यही होना था।
मायावती के सपा के अलग होने के ऐलान के बाद क्या बोले अखिलेश
आखिर बुआ ने बबुआ को धोखा दे ही दिया: मौर्य
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि अब हाथी साइकिल की सवारी नहीं करेगा। आखिर में बुआ ने बबुआ को धोखा दे ही दिया। हाथी और साइकिल का कोई मेल ही नहीं था, ये तो सिर्फ नरेंद्र मोदी का विरोध ही था। प्रदेश में अपना अस्तित्व बचाने के लिए बुआ-बबुआ साथ-साथ आए थे, लेकिन जनता तो सारा सच पहले से ही जानती थी और उसने सोच समझकर ही वोट किया।
मायावती ने किया अलग होने का ऐलान
मंगलवार को बसपा प्रमुख मायावती ने सपा से अलग होने का ऐलान कर दिया है। बसपा उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में अकेले उतरेगी। मायावती ने कहा, लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा गठबंधन कर साथ लड़े लेकिन नतीजे उम्मीदों के अनुसार नहीं आए। सपा का कोर वोटर यानी यादव सपा के साथ नहीं टिका और भीतरघात करते हुए भाजपा को ट्रांसफर हुआ। ऐसे में उत्तर प्रदेश में बसपा ने अकेले ही उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है।