'सरकारी कार्यक्रमों में बैन हो नॉनवेज खाना', बीजेपी सांसद शीतकालीन सत्र में लाएंगे निजी विधेयक
संसद के शीतकालीन सत्र में बीजेपी सांसद परवेश साहिब सिंह एक निजी विधेयक लाने जा रहे, जिसमें सरकारी कार्यक्रमों में नॉनवेज बैन की मांग है।
पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद परवेश साहिब सिंह आगामी शीतकालीन सत्र में एक निजी सदस्य विधेयक लाने जा रहे हैं। जिसमें सभी सरकारी कार्यक्रमों में नॉनवेज खाने पर प्रतिबंध की बात है। लोकसभा की अधिसूचना के मुताबिक इस सत्र में सदस्यों के कुल 20 बिल चर्चा के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं। हालांकि ज्यादातर निजी सदस्य विधेयक खारिज कर दिए जाते हैं। आजादी के बाद अभी तक ऐसे सिर्फ 14 विधेयक ही पास हुए।
मामले में सांसद परवेश साहिब सिंह ने कहा कि जर्मनी के पर्यावरण मंत्रालय ने सरकारी बैठकों और कार्यक्रमों में मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा, क्योंकि इसका जलवायु और ग्लोबल वार्मिंग पर बहुत बड़ा प्रभाव है। भारत में हम मांसाहारी भोजन से दूरी बनाने की पहल कर सकते हैं, क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा कार्बन फुट प्रिंट है। उन्होंने साफ कहा कि ये बिल आम लोगों के लिए नॉनवेज खाने का विरोध नहीं करता है, लेकिन अगर सरकारी कार्यक्रमों में इस पर प्रतिबंध लगेगा तो खाद्य प्रणाली और जलवायु अनुकूल जीवन शैली की दिशा में ये बड़ा कदम साबित होगा।
वहीं दूसरी ओर बीजेपी के एक अन्य सांसद तीरथ सिंह रावत भी निजी विधेयक लाने की योजना बना रहे। जिसमें देश के सभी स्कूलों में योग शुरू करने की बात कही गई। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक वर्षों में योग को स्कूली स्तर पर पढ़ाया जाना चाहिए। ये शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के विकास में मदद करता है।
मनरेगा
में
संशोधन
की
मांग
वहीं
केरल
से
सांसद
एनके
प्रेमचंद्रन
और
वीके
श्रीकंदन
भी
महात्मा
गांधी
राष्ट्रीय
ग्रामीण
रोजगार
गारंटी
योजना
(मनरेगा)
कानून
की
धारा
3
में
संशोधन
करना
करने
के
लिए
एक
बिल
लेकर
आएंगे।
दरअसल
धारा
3
में
ये
कहा
गया
कि
मनरेगा
से
जुड़े
हर
मजदूर
को
एक
वर्ष
में
100
दिन
का
काम
देना
अनिवार्य
है।
विपक्षी
सांसदों
की
मांग
है
कि
इस
अवधि
को
150
दिन
किया
जाए।
हालांकि
सरकार
लगातार
इससे
इनकार
कर
रही।
सरकार
का
तर्क
है
कि
प्राकृतिक
आपदाओं
की
स्थिति
में
राज्य
अधिनियम
में
प्रदान
किए
अधिकार
के
मुताबिक
150
दिन
नौकरी
दे
सकते
हैं।