भाजपा नेता ने बताया कैसे 'सात चरण' में चुनाव भाजपा के लिए शुभ साबित होगा
नई दिल्ली। इस बार लोकसभा चुनाव सात चरणों में संपन्न कराएं जाएंगे, चुनाव आयोग ने इस बात का ऐलान करते हुए कहा था कि पिछली बार नौ चरण में मतदान कराए गए थे, लेकिन इस बार सात चरण में मतदान कराए जाएंगे। चुनाव आयोग के इस ऐलान के बाद भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में सात के इस आंकड़े को शुभ मान रही है। पार्टी का मानना है कि सात का आंकड़ा उसके लिए काफी खास साबित होगा। दरअसल हिंदू धर्म में सात की संख्या को शुभ माना जाता है।
पार्टी के लिए शुभ रहा है
पिछली बार 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान भी तीनों संख्या का योग सात है, 2017 में यूपी में भाजपा को जबरदस्त जीत मिली थी, इसमे भी सात की संख्या है, इसी प्रकार सात चरण में होने वाले मतदान में भी सात की संख्या है। पश्चिम यूपी में 11 अप्रैल से मतदान शुरू होगा और आखिरी चरण में वाराणसी में मतदान होगा। प्रदेश भाजपा कोऑर्डिनेटर राकेश त्रिपाठी इन सात के आंकड़े के बारे में बताया कि किस तरह से यह पार्टी के लिए शुभ रहा है।
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सात का महत्व
त्रिपाठी ने बताया कि हिंदू धर्म में सात नंबर की विशेष महत्ता है, सूर्य की रोशनी सात रंगों में दिखाई देती है, संगीत में सात मुख्य सुर होते हैं, लोग शादी के वक्त सात भेरे लेते हैं। ये सभी सात के आंकड़े भाजपा के लिए शुभ रहे हैं। ऐसे में पार्टी के लिए चुनाव के नतीजे भी शुभ ही रहेंगे। यह तर्क उन लोगों पर लागू होता है जो लोग शुभ-अशुभ पर विश्वास करते हैं। भाजपा नेता ने कहा कि अगर 2014 के लोकसभा चुनाव और 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो तो चुनाव प्रक्रिया पश्चिम से पूर्वी हिस्से की ओर जा रहा है। दोनों ही चुनाव मे पार्टी को जबरदस्त जीत हासिल हुई थी।
पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी
2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान देश के पश्चिमी हिस्से में 10 अप्रैल को चुनाव हुआ था, जबकि आखिरी चरण का मतदान 12 मई को हुआ था जिसमे 18 संसदीय सीटें शामिल थी, जिसमे वाराणसी की भी सीट शामिल थी। इस बार भी पार्टी लोकसभा चुनाव में अपने आंकड़े बेहतर करेगी। हालांकि कांग्रेस ने भाजपा नेता के इस दावे को सिरे से खारिज किया है।
लोग बदलाव चाहते हैं
कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने बताया कि चुनाव पुर्व से पश्चिम या पश्चिम से पूर्व की ओर हो, लोग बदलाव की ओर देख रहे हैं, क्योंकि लोगों को पता है कि चुनाव में जो वादे किए गए थे वह पूरे नहीं किए गए हैं। अब लोग कांग्रेस की ओर देख रहे हैं। बता दें कि 2014 में भाजपा को यूपी में 71 सीटों पर जीत मिली थी, जबिक पार्टी के खाते में 42.63 फीसदी वोट मिले थे। जबकि एनडीए सहयोगी अपना दल को दो सीटों पर जीत दर्ज हुई थी। सपा को प्रदेश में पांच सीटों पर जीत मिली थी, वहीं बसपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी। कांग्रेस को दो सीटों पर जीत मिली थी।
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