विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले छोटे दलों को लामबंद करने में जुटी बीजेपी-कांग्रेस
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में हुए विधानसभा चुनाव परिणाम में अब कुछ ही घंटे बचे हुए हैं। बता दें कि 11 दिसंबर को मतगणना किया जाएगा। ऐसे में बीजेपी कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टियां राज्य के छोटी पार्टियों और उनके नेताओं को लामबंद करने में जुटे हुए हैं। ताकि मतगणना के बाद किसी भी तरह से राज्य की गद्दी हासिल की जा सके।
बता दें कि कुछ राज्यों के एग्जिट पोल के अनुमान ऐसे आए हैं जहां त्रिशंकु बनने की संभावना है। इसी को ध्यान में रखते हुए बड़ी पार्टियां स्थानीय स्तर पर दूसरी पार्टी के नेताओं को अपनी ओर झुकाने का प्रयास कर सकती है। ताकि सत्ता तक पहुंच सके। यही राजनीतिक पार्टियों की रणनीति है। इसी रणनीति के तहत सोमवार को ही तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती से पहले आज कांग्रेस नेतृत्व वाले पीपुल्स फ्रंट ने राज्यपाल को गठबंधन का लेटर सौंपा है।इस गठबंधन में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) शामिल हैं।
दूसरी ओर मध्य प्रदेश में भी अगर बीजेपी और कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिला तो राज्य की बीएसपी और गोंडवाना गोमंतक पार्टी अहम भूमिका निभा सकती है। यही स्थिति छत्तीसगढ़ के एग्जिट पोल में भी देखने को मिली है। वहां दो तीन छोटी पार्टियां है जो बहुमत न मिलने के शर्त पर राज्य में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है। खासकर अजीत जोगी और बीएसपी। दूसरी ओर तेलंगाना में कांग्रेस ने संकेत दे दिए हैं कि अगर जरूरत पड़ी तो उसे भी असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ जाने से परहेज नहीं है।
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