जब नहीं मिला अर्थी को कोई कंधा तो विधायक ने बेटे के साथ मिलकर किया अंतिम संस्कार
भुवनेश्वर। ओडिशा के झारसुगुडा जिले में विधायक रमेश पटुआ ने मानवता की मिसाल पेश की है। बीजेडी विधायक के टिकट पर रेंगाली विधानसभा सीट से जीतकर आए रमेश पटुआ ने उस महिला के शव को कांधा दिया, जिसे कोई हाथ लगाने के लिए भी तैयार नहीं था। स्थानीय लोगों को यह डर सता रहा था कि अगर दूसरी जाति की महिला को छुआ तो उन्हें बिरादरी से बाहर कर दिया जाएगा। रमेश पटुआ ओडिशा के सबसे गरीब विधायकों में एक हैं। उनके पास अपना घर तक नहीं है। वह किराए के घर में रहते हैं।
घंटों तक बरामदे में पड़ा रहा महिला का शव
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, ओडिशा के संबलपुर जिले में लोइडा नाम की जगह है। यहीं पर विधायक रमेश पटुआ घर है। इस जगह से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित अमनापाली गांव। इसी गांव में एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। महिला का शव गांव के ही एक व्यक्ति के घर के बरामदे में घंटों तक पड़ा रहा। पुलिस ने रेंगाली के विधायक रमेश पटुआ को इस बारे में जानकारी दी।
बेटे, भतीजे के साथ विधायक ने कराया अंतिम संस्कार
विधायक रमेश पटुआ ने बताया कि जब उन्हें महिला की मौत के बारे में खबर मिली तब वह दूर से थे। उन्होंने अपने बेटे और भतीजे को गांव भेजा। बेटे और भतीजे को भेजने के बाद विधायक को लगा कि दो लोग शव उठाने के लिए पर्याप्त नहीं होंगे, इसलिए वह भी अमनापाली गांव पहुंचे। विधायक ने बताया चार बांस लाने के बाद खुद अर्थी तैयार की और यह भी ध्यान रखा कि गांव में किसी प्रकार का बवाल न हो। विधायक ने बताया कि शव के दाह संस्कार के लिए संसाधन जुटाने के लिए समय नहीं था, इसलिए काफी सारे हिंदू रीति-रिवाज पूरे करने के बाद महिला को दफना दिया। इस मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण भी उपस्थित रहे।
महिला की उम्र 80 साल
महिला की उम्र 80 साल के आसपास बताई रही है। वह अपने जीजा के साथ एक फूस के मकान में रहती थी और दोनों बुजुर्ग भीख मांगकर आजीविका चलाते थे। गांववालों ने महिला का नाम घुडकेन और महिला के जीजा का नाम घुडका बताया। ये दोनों ओडिशा का वाद्य यंत्र घुडका बजाकर भीख मांगते थे।
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