अपने बारे में इस जानकारी को छिपाना भारी पड़ा देवेंद्र फडणवीस को, SC ने दिया बड़ा झटका
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल देवेंद्र फडणवीस पर आरोप है कि उन्होंने 2014 के चुनाव के दौरान अपने खिलाफ आराधिक मामलों की जानकारी अपने शपथ पत्र में नहीं दी थी। जिसके बाद उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि आपके खिलाफ 2 आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिसकी जानकारी 2014 के चुनाव के दौरान आपने अपने शपथ पत्र में नहीं दी, लिहाजा आप ट्रायल का सामना करें। कोर्ट के इस फैसले के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। लेकिन कोर्ट ने फडणवीस को राहत देने से इनकार कर दिया और उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
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जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच ने देवेंद्र फडणवीस की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। बेंच ने कहा कि पिछले वर्ष दिए गए फैसले पर फिर से विचार करने का कोई आधार नहीं है। साथ ही कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हमे नहीं लगता है कि फिर से इस पुनर्विचार याचिका पर किसी भी तरह के हस्तक्षेप की जरूरत है। बता दें कि तीन जजों की बेंच में जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस भी शामिल हैं। जिन्होंने देवेंद्र फडणवीस की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया।
बता दें कि कोर्ट ने यह आदेश 18 फरवरी को दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर आज इसे अपलोड किया गया है। शहर के वकील सतीश उके ने देवेंद्र फडणीस के खिलाफ आपराधिक मामला चलाए जाने को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी। बता दें कि देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ 1996 और 1998 में धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का केस दर्ज किया गया था, लेकिन दोनों ही मामले में उनके खिलाफ आरोप तय नहीं किए गए हैं। उके का आरोप है कि फडणवीस ने अपने चुनावी शपथ पत्र में इसकी जानकारी नहीं दी थी।
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