क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

गुजरात में महज 300 रुपए के लिए आधार में फर्जीवाड़ा करने वाले रैकेट का पर्दाफाश

Google Oneindia News

गुजरात में महज 300 रुपए के लिए आधार में फर्जीवाड़ा करने वाले रैकेट का पर्दाफाश
नई दिल्ली। देश की तमाम जनहित की योजनाओं व सब्सिडी को आधार से लिंक करने के लिए केंद्र सरकार लगातार लोगों से अपील कर रही है। एलपीजी सब्सिडी, बैंक खाता, मोबाइल नंबर, सहित तमाम जगहों पर आधार को अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन आधार में फर्जीवाड़े का एक और बड़ा मामला सामने आया है। गुजरात के सूरत में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक व्यक्ति लोगों की आधार से जुड़ी जानकारियों में फर्जीवाड़ा करता था। सूरत के पांडेसेरा में एक फर्जी आधार सेंटर चल रहा था, जहां बैंक मैनेजर के अंगूठे का फर्जी निशान रबर स्टैंप के जरिए लिया जाता था। बैंक मैनेजर के पास यूआईडीएआई पोर्टल पर आधार नंबर जेनरेट करने और उसमे बदलाव करने का अधिकार दिया गया था।

महज 300 रुपए में फर्जीवाड़ा

महज 300 रुपए में फर्जीवाड़ा

जानकारी के अनुसार महज 300 रुपए में आधार पर लोगों की जानकारी को बदला जाता था। पांडेसेरा पुलिस ने दो लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है, जबकि तीसरा आरोपी अभी फरार है। पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी पिछले डेढ़ साल से यह रैकेट चला रहे थे। आरोपी हीरेन प्रजापति और प्रशांत प्रधान पांडेसेरा में यह सेंटर चला रहे थे। इन लोगों पर आरोप है कि यह बिना दस्तावेज लिए लोगों की जानकारी बदल देते थे, जिसके बाद पुलिस ने इन लोगों को गिरफ्तार कर लिया और रविवार को स्थानीय अदालत में पेश किया था।

कांग्रेस नेता ने की शिकायत

कांग्रेस नेता ने की शिकायत

इस पूरे रैकेट की जानकारी उस वक्त सामने आई जब स्थानीय कांग्रेस नेता अनूप राजपूत कैलाश चौक स्थित आधार सेंटर पहुंचे। उन्होंने यहां देखा कि यहां रबर थंब इंप्रेशन के जरिए गलत तरीके से महज 300 रुपए में आधार की जानकारी बदली जा रही है। इसके बाद राजपूत ने तुरंत इसकी जानकारी पांडेसेरा पुलिस को दी, जिसके बाद इस रैकेट की जांच शुरू हुई। पुलिस इस मामले में और लोगों के लिप्त होने की बात कह रही है। तीसरा आरोपी जिसका नाम हितेश है वह फरार है।

कई धाराओं के तहत दर्ज हुआ मामला

कई धाराओं के तहत दर्ज हुआ मामला

आरोपियों के खिलाफ धारा 406 आपराधिक षड़यंत्र, 420- धोखाधड़ी, सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया है। इन आरोपियों के खिलाफ आईपीसी के अलावा आईटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि सूरत में बड़ी संख्या में भारत के अन्य हिस्सों से आए लोग रहते हैं, जिसमे से सबसे अधिक पूर्वी भारत के लोग हैं। अधिकतर लोगों के पास यहां दस्तावेज नहीं होते हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस कई नाबालिग लड़के व लड़कियों का आधार कार्ड़ बिना दस्तावेज के बनाया गया है, क्योंकि उन्हें बिना इसके नौकरी नहीं मिलती है। इन आधार कार्ड में इन लोगों की उम्र 19 वर्ष या उससे अधिक लिखी जाती है। इस सेंटर को प्रजापति और प्रधान चलाते थे, जिनके पास इसे चलाने का लाइसेंस नहीं था। खबर के अनुसार आरोपी सिंडिकेट बैंक के मैनेजर प्रशांत मनसुख मोर्दिया का फर्जी स्टैंप पेपर व रबर स्टैंप का इस्तेमाल करते थे।

Comments
English summary
Big scam to forge the Aadhar detail busted in Gujarat Surat. Accused used to change the personal detail without documents.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X