जम्मू कश्मीर: बैंक की नौकरी छोड़कर आतंकी बना था वानी, सेना के हाथों मारा गया
श्रीनगर। सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में मुठभेड़ के दौरान एक आतंकवादी को मार गिराया। मुठभेड़ के बाद दक्षिणी क्षेत्र में झड़पें हुईं और अधिकारियों को एहतियात के तौर पर ट्रेन सेवाओं को भी रोकना पड़ा। मुठभेड़ में मारे गये आतंकवादी का नाम इश्फाक यूसुफ वानी है, जो पिछले साल अपने फल के कारोबार को छोड़कर आतंकी ग्रुप में शामिल हो गया था। हालांकि, अपना खुद के फलों का व्यापार शुरू करने से पहले वानी एक प्रमुख राष्ट्रीय बैंक में नौकरी करता था।
पुलिस ने कहा कि आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया एजेंसियों से इनपुट मिलने के बाद पुलवामा से 30 किमी दूर अवंतीपुर इलाके के बंदरपोरा गांव में तलाशी अभियान चलाया गया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों को ढूंढ निकाला गया और उनपर अटैक कर दिया गया। इसी दौरान मुठभेड़ में जवाबी कार्रवाई के दौरान एक आतंकी को मार गिराया गया।'
वानी सेना के मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शामिल था, जिस पर सिक्योरिटी फोर्स और आम नागरिकों पर अटैक करने समेत आतंकी गतिविधियों में शामिल होने जैसे कई आरोप थे।
सूत्रों के मुताबिक, इश्फाक के पिता भी एक आतंकवादी थे, जो 1996 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री कर चुका इश्फाक एक बैंकर था। हालांकि, उसने मिलिटेंसी क्यों ज्वॉइन की, इसके बारे में किसी को नहीं पता है।
मुठभेड़ में मारे गए वानी के पार्थिव शरीर को जब जम्मू कश्मीर के कोली गांव में उनके परिजनों को सौंपा गया, तो वहां स्थानीय लोगों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हुई। इस घटना के बाद अधिकारियों को कुछ समय के लिए ट्रेन सर्विस भी रोकनी पड़ी।