कृपया ध्यान दें, डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को 'फादर ऑफ नेशन' नहीं कहा है!
बेंगलुरू। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फादर ऑफ इंडिया कहा जाना भारत की मुख्य विपक्ष कांग्रेस समेत अन्य मूर्धन्यों को इतना बुरा लगा है कि इसके विरोध में एक पूरी एक पूरी लॉबी खड़ी हो गई और राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा मोदी को दिए तगमे को राष्ट्रपिता यानी फादर ऑफ नेशन महात्मा गांधी को अपमान बतलाने में लग गई है। ट्रंप ने यह उपाधि ने टेक्सास के ह्यूस्टन में आयोजित हाउडी मोदी कार्यक्रम के दो दिन बाद न्यूयार्क में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में दी थी।
हाउडी मोदी कार्यक्रम में कुछ लोगों को प्रधानमंत्री मोदी और डॉनाल्ड ट्रंप का हाथों में हाथ डालकर चलना भी उतना ही खटक रहा था जितना फादर ऑफ इंडिया की उपाधि से हुआ, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा दी गई उक्त उपाधि के बाद अब पूरी लॉबी एकाएक सक्रिय मोड पर आ गई है। हालांकि अपने ऊल-जुलूल बयानों के लिए मशहूर राष्ट्रपति ट्रंप आसान शिकार थे, लोगों ने उन्हें जमकर कोसा भी, लेकिन किसी के द्वारा अभी तक यह जानने की बिल्कुल कोशिश नहीं की गई कि फादर और इंडिया और फादर ऑफ नेशन में तुलनात्मक अंतर क्या है?
दरअसल, ह्यूस्टन में आयोजित हाउडी मोदी कार्यक्रम के दूसरे दिन मंगलवार न्यूयार्क पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से द्विपक्षीय वार्ता के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पीएम मोदी की तारीफों के जमकर पुल बांधे और इसी दौरान उन्होंने पीएम मोदी को 'फादर ऑफ इंडिया' करार दे दिया।
राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी के सबका साथ और सबका साथ नारे के मद्देनजर उन्हें फादर ऑफ इंडिया की उपाधि से नवाजा था। ट्रंप का आशय था कि अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी ने सबको साथ लेकर चले, लेकिन उनकी यह बात खासकर उन्हें बुरी लगी, जो मोदी को बिल्कुल नापंसद करते हैं। बात का बतंगड़ बना सो अलग।
बकौल डोनाल्ड ट्रंप, 'अगर मैं पहले के भारत को याद करूं तो वहां पर लोग अक्सर लड़ते रहते थे, लेकिन नरेंद्र मोदी ने सभी को एक पिता की तरह साथ लाने का काम किया है, शायद वो 'फादर ऑफ इंडिया' हैं, हम उन्हें 'फादर ऑफ इंडिया' ही बुलाएंगे. लोगों को एक साथ लाना काफी बढ़िया काम है और नरेंद्र मोदी ने इस क्षेत्र में शानदार काम किया है।'राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी की तुलना अमेरिकी रॉकस्टार एल्विस प्रेस्ली से भी की थी। उन्होंने कहा, 'उनकी दाईं तरफ जो बैठे हैं लोग उन्हें पसंद करते हैं, लोग पागल हो जाते हैं, जो एल्विस के इंडियन वर्जन हैं।'
25
सितंबर
को
जारी
एक
बयान
में
पूर्व
केंद्रीय
मंत्री
और
कांग्रेस
नेता
जयराम
रमेश
ने
ट्रंप
के
बयान
पर
आपत्ति
दर्ज
करते
हुए
कहा
कि
उनके
उक्त
बयान
से
भारत
के
राष्ट्रपिता
महात्मा
गांधी
अपमान
हुआ
है।
रमेश
ने
केंद्रीय
मंत्री
जितेंद्र
सिंह
के
उस
बयान
की
भी
निंदा
की,
जिसमें
उन्होंने
कहा
था
कि
जो
ट्रंप
की
तरफ
से
पीएम
मोदी
को
फादर
ऑफ
इंडिया
पर
गर्व
महसूस
नहीं
करते
वो
खुद
को
भारतीय
नहीं
समझते
हैं।
बकौल
जयराम
रमेश,
मैं
इस
पर
गर्व
महसूस
नहीं
करता
और
मेरा
मानना
है
कि
ट्रंप
का
बयान
राष्ट्रपिता
महात्मा
का
अपमान
है।
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी ने कहा कि भारत के लोग बेहद पढ़े-लिखे और स्मार्ट है, वो जानते हैं कि राष्ट्रपिता कौन हैं। कांग्रेस नेता राजीव का आक्रोश यही खत्म नहीं खत्म हुआ। उन्होंने आगे कहा राष्ट्रपिता केवल एक ही व्यक्ति हो सकता है और वो हैं महात्मा गांधी हैं, क्योंकि उन्होंने अहिंसा को बढ़ावा दिया था, जो पूरी दुनिया जानती है।
वहीं, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के सुपुत्र पूर्ववर्ती कर्नाटक सरकार में मंत्री रहे प्रियांक खड़गे ने ट्विटर पर लिखा कि क्या अब अमेरिकी तय करेंगे कि राष्ट्रपिता कौन है? एमआईएमम चीफ असदुद्दीन ओवैसी कहां पीछ रहते, उन्होंने तो राष्ट्रपति ट्रंप को जाहिल करार दे दिया। बोले, ट्रंप को महात्मा गांधी के बारे में पता नहीं है, जिन्हें भारत में राष्ट्रपिता की उपाधि पहले से हासिल हैं।
कुल मिलाकर मोदी विरोधी राजनीतिक दल, जिसमें फर्स्ट रनर अप रही कांग्रेस पार्टी ने ट्रंप के फादर ऑफ इंडिया उपाधि के खिलाफ रौला काट दिया जबकि फादर और नेशन और फादर ऑफ इंडिया की थ्योरी पर गौर करने की किसी ने जहमत नहीं की। क्योंकि फादर ऑफ इंडिया और फादर ऑफ नेशन का अर्थ भले ही एक समान प्रतीत होता है, लेकिन दोनों के बीच बड़ा फर्क है। इन दोनों के बीच का फर्क समझने के लिए पहले देश और राष्ट्र के बीच का फर्क पता करना पड़ेगा। यह अंतर समझ आ गया तो ट्रंप के बयान का भावार्थ और महात्मा गांधी का अपमान को अबोध दोनों छूमंतर हो जाएगा।
देश और राष्ट्र दोनों ही एक भूभाग है, लेकिन एक देश की निश्चित भौगौलिक सीमा से राष्ट्र की अवधारणा हमेशा इतर होती है। निश्चित भौगौलिक सीमा में रहने वालों की एक संस्कृति होती हैं, लेकिन सीमाओं में परिवर्तन के बाद भी जब उक्त भूभाग की सांस्कृतिक मूल्यों में बदलाव न आए उसे राष्ट्र की संज्ञा से नवाजा जाता है।
यानी राष्ट्र में संस्कृति का होना भी जरूरी है। इसे आसान शब्दों में समझें तो देश अगर गंगा नामक एक नदी है तो राष्ट्र जीवन दायनी मां गंगा है। देश अगर गाय नामर पशु है तो राष्ट्र गौमाता है और अगर देश भारत रूपी भूभाग है तो राष्ट्र भारत माता है।
शायद यही फर्क राष्ट्रपिता और देशपिता होने में है, जो समझकर ही समझा जा सकता है। इस लिहाज से देखें तो प्रधानमंत्री मोदी को फादर ऑफ इंडिया कहे जाने से महात्मा गांधी का अपमान नहीं हो रहा। पीएम मोदी दी गई देशपिता की उपाधि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की उपाधि हर लिहाज से कमतर हैं।
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PM मोदी महाराष्ट्र CM की पत्नी ने पहली बार कहा फादर ऑफ इंडिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की पत्नी अमृता फडणवीस ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘फादर ऑफ इंडिया' कहा था, जिस पर काफी दिनों तक जमकर बवाल हुआ था।
Wishing the Father of our Country @narendramodi ji a very Happy Birthday - who inspires us to work relentlessly towards the betterment of the society ! #HappyBDayPMModiJi #HappyBdayPMModi #HappyBirthdayPM #happybirthdaynarendramodi pic.twitter.com/Ji2OMDmRSm
— AMRUTA FADNAVIS (@fadnavis_amruta) September 17, 2019
उनके बाद कई बार प्रधानमंत्री मोदी को समय-समय पर उनके फैन उन्हें ‘फादर ऑफ इंडिया' कहते रहे हैं, लेकिन डोनाल्ड ट्रप द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को अंतर्राष्ट्रीय मंच ऐसा कहा जाना राजनीतिक विरोधियों को बुरी तरह से अखर गया। यही कारण है कि राजनीतिक विरोधियों ने बाकायदा बयान जारी कर राष्ट्रपति ट्रंप के बयान पर न केवल आपत्ति दर्ज करवाई, बल्कि बयान को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जोड़कर ट्रंप को भी भला-बुरा कहा है।
बीजेपी प्रवक्ता ने पीएम मोदी का बताया था 'देश का बाप'
वर्ष 2017 में संबित पात्रा ने एक टीवी टैनल पर कन्हैया कुमार से बहस के दौरान ये कहा था कि नोदी देश के बाप हैं. यानी देश के पिता हैं. इसपर कांग्रेस भड़क गई और प्रधानमंत्री मोदी से माफीनामे की मांग की गई थी क्योंकि भाजपा के प्रवक्ता ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान किया था।
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टी.राजेंद्र भालाजी ने पीएम मोदी को बताया इंडिया का डैडी
प्रधानमंत्री मोदी को देश के पिता यानी डैडी का दर्जा दिया तमिलनाडु के मंत्री के टी राजेंद्र भालाजी ने. उन्होंने कहा कि 'अम्मा (जयललिता) के जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी डैडी की तरह ही उनका माग्रदर्शन और सपोर्ट कर रहे हैं, मोदी हमारे डैडी और इंडिया के डैडी हैं।
So Americans will decide who our Father of the Nation is?
— Priyank Kharge / ಪ್ರಿಯಾಂಕ್ ಖರ್ಗೆ (@PriyankKharge) September 24, 2019
Systematically these fascists have robbed our people of intellectual reasoning or reasoning of any kind. Social media propaganda has spoilt the millennials & the future generations. https://t.co/EUCnLEzLMY