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वैक्सीनेशन की इस रफ्तार से तो सबको टीका लगाने में तीन साल लग जाएंगे! आंकड़ों से समझिए

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नई दिल्ली, 10 मई: कोविड वैक्सीन लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वालों और वैक्सीन लगवा पाने वालों की खाई चौड़ी ही होती जा रही है। हालांकि, रजिस्ट्रेशन करना भी आसान नहीं है, फिर भी 1 मई से 7 मई के बीच को-विन पर 2.42 करोड़ लोगों ने वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रखा है। इसके साथ ही को-विन पर रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की संख्या बढ़कर 19 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है। इस दौरान अगर 1 से 7 मई के बीच की बात करें तो अप्रैल की शुरुआत में प्रतिदिन 40 लाख डोज से घटकर सिर्फ 16.6 लाख डोज ही वैक्सीनेशन हो पा रही थी। अगर टीकाकरण का अभियान आगे भी इसी रफ्तार में चला तो जितने लोगों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन करवा लिया है, उन्हीं को टीका लगाते-लगाते करीब तीन महीने लग जाएंगे और सभी व्यस्कों को लगते-लगते तीन साल भी लग सकते हैं।

वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाने से मुश्किल लग रहा है काम

वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाने से मुश्किल लग रहा है काम

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन की एक ट्वीट के मुताबिक 72 लाख वैक्सीन की डोज राज्यों के पास थी और अगले तीन दिनों में 42 लाख अतिरिक्त डोज भेजी जानी थी। अगर इनको मिला दें तो कुल आंकड़ा 1.14 करोड़ डोज तक पहुंच जाती है। यानी इससे रजिस्ट्रेशन कराने वाले आधे लोगों को भी पूरी तरह से एक डोज (पहली या दूसरी) नहीं लग पाएगी। जब सरकार ने वैक्सीनेशन का दरवाजा सिर्फ हेल्थकेयर, फ्रंटलाइन वर्कर और 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए खोला था तो उसके दायरे में सिर्फ 34 करोड़ लोग आ रहे थे। लेकिन, 1 मई से जब टीकाकरण का दायरा 18 साल से 44 साल के बीच की जनसंख्या के लिए भी बढ़ाया गया, तबतक भी पहले वाले श्रेणी की भी एक-तिहाई आबादी को ही डोज लग पाई थी। ऐसे में 1 मई से 60 करोड़ की अतिरिक्त जनसंख्या भी वैक्सीनेशन के दायरे में आ गई और यह काम बहुत मुश्किल लगने लगा है।

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...तो तीन साल लग जाएंगे सबको टीका लगाने में

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टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में 18 वर्ष से ऊपर के लोगों में वैक्सीनेशन शुरू होने के पहले हफ्ते के आधार पर जो आंकड़े बताए गए हैं, उसके हिसाब से एक दिन में 17 लाख से भी कम लोगों को ही वैक्सीन लग पा रही है। ऐसे में सभी 94 करोड़ व्यस्क नागरिकों के लिए 170 करोड़ डोज पूरा करने में करीब 1,000 दिन या लगभग तीन साल का समय लग सकता है। इसी स्थिति पर मीडिया शख्सियत और पॉलिटिकल एनालिस्ट सुमंत रमण ने सोमवार को एक तंज भरा ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि 'कोविड वैक्सीनेशन एक समय 30 लाख से ज्यादा प्रतिदिन से घटकर कल भारत में एक दिन में 7 लाख से भी कम हो गया।'

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सोमवार को वैक्सीनेशन ने फिर पकड़ी रफ्तार

सोमवार को वैक्सीनेशन ने फिर पकड़ी रफ्तार

भारत में इस समय कोरोना वैक्सीन बनाने वाली दोनों कंपनियों सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक के पास हर महीने क्रमश: 6 करोड़ और 2 करोड़ डोज बनाने की क्षमता है। यानी करीब 26 लाख डोज प्रति दिन। दोनों कंपनियां अपनी उत्पदान क्षमता बढ़ा रही हैं और केंद्र सरकार भी उन्हें मदद कर रही है, लेकिन फिर भी उत्पादन के उच्चतम स्तर को प्राप्त करने के लिए कम से कम जुलाई तक इंतजार करना होगा। कहा जा रहा है कि कुछ वैक्सीन की आयात से हालात सुधरने की उम्मीद है, लेकिन फिर भी स्थिति कबतक सुधरेगी कुछ कहना नामुमकिन लग रहा है। वैसे राहत की बात ये है कि सोमवार को एकबार फिर से वैक्सीनेशन ड्राइव ने रफ्तार पकड़ी है और स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के मुताबिक शाम तक 25,28,485 वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी थी। इसके साथ ही अबतक कुल 17,09,00,882 डोज लगाई जा चुकी थी, जिनमें 13,50,94,508 पहली डोज और 3,58,06,374 दूसरी डोज शामिल है।

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English summary
It may take up to three years to complete the work at the pace of the last week of vaccination, there is a huge difference in registration and vaccination
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