असम के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, पाप की वजह से होता है लोगों को कैंसर, मचा बवाल
'कैंसर' वो भयानक शब्द है, जो अपने साथ केवल एक जिंदगी को खत्म नहीं करता है बल्कि एक परिवार की त्रास्दी का कारण बनता है और इसी कारण इससे ग्रस्त लोग अक्सर ये कहते हैं कि ये रोग किसी दुश्मन को भी भगवान ना दें.
गुवाहटी। 'कैंसर' वो भयानक शब्द है, जो अपने साथ केवल एक जिंदगी को खत्म नहीं करता है बल्कि एक परिवार की त्रास्दी का कारण बनता है और इसी कारण इससे ग्रस्त लोग अक्सर ये कहते हैं कि ये रोग किसी दुश्मन को भी भगवान ना दें लेकिन असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत विश्व शर्मा इस बात से इत्तफाक नहीं रखते हैं, उन्होंने तो जो इसके बारे में कहा है वो विवादित ही नहीं बल्कि बेहद शर्मनाक है, मंत्री ने कहा कि कुछ लोग कैंसर जैसी घातक बीमारियों से इसलिए ग्रस्त हैं क्योंकि उन्होंने अतीत में पाप किये हैं और यह तो ईश्नर का न्याय है, जिसके कारण वो अपने पापों की सजा जीते जी भुगतते है।
शर्मा ने मंगलवार को यहां शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा कि जब हम पाप करते हैं तो भगवान हमें सजा देता है, कई बार हम देखते हैं कि युवाओं को कैंसर हो गया या कोई युवा हादसे का शिकार हो गया, अगर आप पृष्ठभूमि देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि यह ईश्वर का न्याय है और कुछ नहीं इसलिए हमें भगवान के इस फैसले का सम्मान करना चाहिए और सबक लेना चाहिए कि गलत काम नहीं करना चाहिए। मुंबई हमले का मास्टरमाइंड रिहा, पाकिस्तान सरकार की खुली पोल
असम के मंत्री के इस बयान पर बवाल मच गया है, लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर मंत्री की आलोचना की है। जहां लोगों ने इस बात पर मंत्री को लताड़ लगाई है, वहीं अब इस मुद्दे पर राजनीति भी गर्मा गई है। देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इस बारे में ट्ववीट किया है और कहा है कि किसी भी सत्तासीन पार्टी के नेता का इस तरह का बयान इंसान और पार्टी की सोच को बताता है। तो वहीं इस बारे में कांग्रेसी नेता देबब्रत साइकिया ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वास्थ्य मंत्री ने कैंसर के मरीजों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणियां कीं, चूंकि उन्होंने यह टिप्पणी सार्वजनिक रूप से की है, इसलिए मंत्री को इसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
'Cancer is divine justice for sins' says Assam Minister Sharma. That is what switching parties does to a person.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 22, 2017