आशुतोष का सफर: पत्रकारिता से राजनीति में आए, चार साल में इस्तीफा
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। आशुतोष ने इस्तीफे के पीछे निजी कारण बताएं हैं और पीएसी से इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह किया है। हालांकि अरविंद केजरीवाल ने साफ कहा है कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं होगा और उनको पार्टी से नहीं जाने दिया जाएगा। आशुतोष पत्रकारिता से राजनीति में आए थे। वो लोकप्रिय टीवी भी एंकर रहे हैं। उनकी जिंदगी पर एक नजर-
जेएनयू से की पढ़ाई
उत्तर प्रदेश के बनारस में पैदा हुए 53 साल के आशुतोष गुप्ता (वो सिर्फ आशुतोष ही लिखते हैं) ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। उन्होंने कई मीडिया हाउस के साथ काम किया। 2014 में राजनीति में आने से पहले वो आईबीएन-7 के प्रबंध संपादक थे। इससे पहले 2012 में अन्ना आंदोलन के दौरान आशुतोष ने एंटी करप्शन मूवमेंट की लगातार रिपोर्टिंग की थी और इस दौरान ही उनकी केजरीवाल से नजदीकी बढ़ी थी। आशुतोष ने अन्ना हजारे के आंदोलन पर 'अन्ना: 13डेज अवेकेंड इंडिया' किताब भी लिखी है।
काशीराम ने मारा था थप्पड़
आशुतोष को 1996 में तब एक बड़ी पहचान मिली थी, जब उनके किसी सवाल से झुंझलाकर दलित नेता काशीराम ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया था।इसको लेकर काशीराम की काफी आलोचना हुई थी। चैनलों पर बार-बार ये वीडियो दिखाया गया। एक रिपोर्टर के रूप में आशुतोष को लोग पहचानने लगे। इसके बाद एंकर के तौर पर भी वो काफी मशहूर रहे।
आशुतोष का आम आदमी पार्टी से इस्तीफा, बोले- निजी कारणों से छोड़ रहा पार्टी
चांदनी चौक से लड़ा था लोकसभा चुनाव
2014 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर उन्होंने दिल्ली की चांदनी चौक सीट से चुनाव लड़ा, जिसमें वो हार गए। उन्होंने आप के प्रवक्ता की जिम्मेदारी भी संभाली। कई मौकों पर वो पार्टी के लिए सड़कों पर भी संघर्ष करते दिखे और कई बार लाठिया भी खाईं। ऐसा समझा जा रहा है कि राज्यसभा ना भेजे जाने से वो केजरीवाल नाराज थे। इस साल आम आदमी पार्टी ने पार्टी नेताओं को दरकिनार कर दो कारोबारियों को राज्यसभा भेज दिया था, जिनकी पार्टी में कोई खास पहचान नहीं थी।
कई दफा पार्टी के स्टैंड के खिलाफ दिखे आशुतोष
आशुतोष आप के साथ अपने चार साल के राजनीतिक जीवन में कई बार पार्टी स्टैंड के खिलाफ जाने से नहीं चूके। आप सरकार में मंत्री संदीप कुमार सेक्स टेप विवाद में फंसे और पार्टी ने उन्हें पार्टी से बाहर किया गया तो आशुतोष ने संदीप का साथ देते हुए कहा था कि किसी की भी निजी जिंदगी उसके सार्वजनिक जीवन से अलग है। बीते दिनों जब बलात्कारियों को फांसी की मांग को लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष भूख हड़ताल कर रही थीं और केजरीवाल ने उन्हें समर्थन दिया था। तब आशुतोष ने ट्वीट पर खुद को फांसी की सजा के खिलाफ बताया था।