NPR-NRC-CAA के विरोध में एक मंच पर साथ आएंगे मांझी और ओवैसी
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ तमाम विपक्षी राजनीतिक दल लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। एआईएमआईएम के मुखिया और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी इस कानून के खिलाफ शुरुआत से प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने इस बिल का खुलकर संसद में विरोध किया और इसकी एक प्रति फाड़ दी थी। इस बिल के पास होने के बाद भी वह लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। ओवैसी इस कानून के खिलाफ बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के साथ मिलकर इसके खिलाफ विशाल रैली करेंगे।
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असदुद्दीन ओवैसी जीतन राम मांझी के साथ नागरिकता संशोधन कानून, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजेंस और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के खिलाफ 29 दिसंबर को विशाल रैली करेंगे। ओवैसी और मांझी बिहार के किशनगंज के रुइधासा मैदान में 29 दिसंबर को इस प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। बता दें कि इससे पहले ओवैसी ने गृहमंत्री अमित शाह पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि देश में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लागू करने की दिशा में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पहला कदम है।
ओवैसी ने अमित शाह पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आखिर क्यों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा में अमित शाज ने मेरा नाम लेकर कहा था कि ओवैसी जी एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जाएगा। अब वो इसपर अलग बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमित शाह साहब, जिस वक्त तक सूरज पूर्व दिशा से उगता रहेगा, हम सच बोलते रहेंगे। ओवैसी ने कहा कि एनआरसी के लिए पहला कदम है एनपीआर। उन्होंने कहा कि अप्रैल, 2020 में एनपीआर पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नागरिकता अधिनियम, 1955 के मुताबिक एनपीआर करने जा रहे हैं, तो क्या यह एनआरसी से जुड़ा हुआ नहीं है?
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