चीन को लेकर सेना प्रमुख का बड़ा बयान, कहा-बीजिंग की दक्षिण चीन सागर रणनीति भारत के साथ काम नहीं करेगी
चीन को लेकर सेना प्रमुख का बड़ा बयान, कहा-बीजिंग की दक्षिण चीन सागर रणनीति भारत के साथ काम नहीं करेगी
नई दिल्ली: भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे ने बुधवार (24 फरवरी) को कहा कि पैगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से भारत और चीनी सैनिकों का पीछे हटना बहुत अच्छा परिणाम रहा है। यह दोनों देशों के लिए लाभकारी है। विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे ने कहा कि ये बात अभी खत्म नहीं हुई है, ये एक बहुत लंबा रास्ता है। जिसके लिए अगला कदम सैनिकों का डी-एस्केलेशन और डी-इंडक्शन हैं। एमएम नरवाणे ने कहा कि लद्दाख गतिरोध के दौरान चीन और पाकिस्तान के बीच मिलीभगत के कोई संकेत नहीं मिले हैं,लेकिन भारत एक दो नहीं, बल्कि ढाई मोर्चे की लड़ाई के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनाता है। नरवाणे ने दक्षिण चीन सागर में चीन की विस्तारवादी रणनीति का हवाला देते हुए कहा कि बीजिंग की दक्षिण चीन सागर रणनीति भारत के साथ काम नहीं करेगी।
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सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे ने कहा चीन अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए धीरे-धीरे आगे बढ़ता है। चीन को ना के बराबर फायदे लेने वाले कदम को उठाने की भी आदत है। लेकिन भारत के साथ उसकी यह रणनीति काम नहीं करेगी। चीन सागर में चीन की विस्तारवादी रणनीति पर नरवाणे ने कहा, भारत ऐसा होने नहीं देगा। उन्होंने दक्षिण चीन सागर के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा चीन ने कुछ द्वीपों का सैन्यीकरण किया था। लेकिन चीन को ये समझना होगा कि यह रणनीति भारत के साथ काम नहीं करने वाली है।
जनरल एमएम नरवाणे लद्दाख में भारत की दृढ़ता का जिक्र करते हुए कहा, मुझे लगता है कि किसी भी चीज से बढ़कर हमने जो हासिल किया है वह दिखाता है कि हमारे साथ यह रणनीति काम नहीं नहीं करेगी और चीन के हर कदम का जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा भारत ने लद्दाख गतिरोध की शुरुआत से ही चीन को जवाब देना शुरू कर दिया था। भारत की तरफ से सरकार और सभी पक्षों ने एक साथ मिलकर काम किया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्तर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्षों से बात की।
जनरल एमएम नरवाणे ने कहा, पूर्वी लद्दाख में अन्य लंबित मुद्दों को हल करने के लिए हमारे पास रणनीतियां हैं। हालांकि, सैनिकों के वापस लौटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेकिन फिर भी एक विश्वास की कमी है। बता दें कि सैनिकों के वापस लौटने की प्रक्रिया 10 फरवरी से शुरू हुई।
जनरल एमएम नरवाणे ने कहा, हमें अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है। हमें डी-एस्केलेशन के चरण पर आगे बढ़ना है। हम जो भी कर रहे हैं, उसे ध्यान में रखते हुए हमें बहुत सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। जबतक विश्वास की कमी को दूर नहीं किया जाता है, हम निश्चित रूप से बहुत सावधान रहेंगे।