जेएनयू में दीपिका पादुकोण के जाने को लेकर अब सरकार ने दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा के खिलाफ पूर्व छात्रों के कार्यक्रम में मंगलवार रात अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने पहुंचकर सबको चौंका दिया। उन्होंने हमले में घायल छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष से मुलाकात की लेकिन सभा को संबोधित किए बिना चली गईं। दीपिका अपनी आगामी फिल्म 'छपाक' के प्रचार के लिए दिल्ली आई हुई थीं। दीपिका के जेएनयू जाने को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। इसी बीच सरकार की तरफ से भी बयान आया है।
कलाकार ही क्यों, कोई भी राय व्यक्त करने के लिए कहीं भी जा सकता है
केंद्रीय मत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि केवल कलाकार ही क्यों, कोई भी आम आदमी राय व्यक्त करने के लिए कहीं भी जा सकता है, इस पर आपत्ति नहीं हो सकती। वहीं मुख्तार अब्बास नकवी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि कि कौन कहां जाता है इसमें कोई किसी को रोक तो नहीं सकता है। यह एक लोकतांत्रिक देश है और हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं है। कोई फिल्म की प्रमोशन के लिए जाता है और कोई फिल्म की प्रमोशन के लिए इवेंट तैयार करता है।
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लोग पढ़ने जाते हैं, हिंसा का वहां कोई स्थान नहीं है
बहरहाल, जावड़ेकर ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि देश के किसी हिस्से में कहीं भी हिंसा हो, तब हम उसकी भर्त्सना करते हैं। हमारा परिपक्व लोकतंत्र है और सभी को अपनी राय रखने का अवसर है। इसलिये हिंसा का देश में कोई स्थान नहीं है। सूचना प्रसारण मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसा स्थान होता है जहां लोग पढ़ने जाते हैं, ऐसे में हिंसा का वहां कोई स्थान नहीं है।
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सर्वर कैसे ब्लॉक किया गया सबने देखा
जावड़ेकर ने कहा कि जेएनयू में सेमेस्टर का पंजीकरण का कार्य शुरू हुआ था और सभी छात्र यह कर रहे थे। तब कुछ छात्र संघों ने तय किया कि इसे नहीं होने देंगे। सभी ने देखा कि किस तरह से सर्वर को ब्लॉक किया गया। यह शिक्षा विरोधी कार्य है।