3 बच्चे हुए तो महिला कर्मचारी को नौकरी से निकाला, अब मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को नौकरी से इसलिए निकाल दिया गया, क्योंकि महिला ने के तीन बच्चे थे। महिला को दो से ज्यादा बच्चे होने की वजह से उसे नौकरी से निकाल दिया गया, जिसके बाद अब मामला बॉम्बे हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। महिला से सरकार के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है। जहां सरकार का दावा है कि महिला ने 'छोटे परिवार' के नियमों का पालन नहीं किया और इसी वजह से उसे नौकरी से निकाला गया, तो वहीं महिला ने सरकार के फैसले को चुनौती दी है
सरकार द्वारा भेजे गए पत्र में सूचित किया गया कि 2014 के सरकारी प्रस्ताव के अनुसार आईसीडीएस योजना समेत विभिन्न विभागों में सरकारी कर्मचारियों के दो से ज्यादा बच्चे नहीं होने चाहिए। वहीं याचिकाकर्ता की दलील है कि दो से ज्यादा बच्चे होने के आधार पर उन्हें नौकरी से निकालना गैरकानूनी है, क्योंकि जब ये प्रस्ताव लागू हुआ तब वह अपने तीसरे बच्चे के साथ 8 माह की गर्भवती थी।
अब मामला बॉम्बे हाईकोर्ट के पास पहुंच गया है। सरकार की दलील है कि 2014 में पारित हुआ सरकारी आदेश खासतौर से महिला एवं बाल विकास विभाग लेकर आया था, इसमें आईसीडीएस के तहत आंगनवाड़ी सेविकाओं और कर्मचारी शामिल होते हैं। उनकी नियुक्ति के नियम एवं शर्तों उसी वक्त बताई गई थी। अब कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है।