दो जून की रोटी कमाना है मुश्िकल, फिर भी कोयंबटूर में लोगों का हीरो है यह ऑटाे चालक
तमिलनाडु। दुनिया में ऐसे बहुत सारे लोग मिलेंगे जो केवल अपने लिए ही जीते हैं लेकिन ऐसे बहुत ही कम लोग मिलेंगे जो दूसरों के लिए सोचते हैं। कोयंबटूर के 25 साल के करूप्पूस्वामी इंसानियत का एक ऐसा ही उदाहरण हैं। जो दूसरों की भलाई के लिए जिंदगी जीते हैं। उनके लिए दो वक्त की रोटी कमाना बहुत ही जटिल है लेकिन आम ऑटो ड्राइवर होने के बाद गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए बड़ा काम कर रहे हैं। उन्होंने अपनी मदद को बताया ईश्वर का अनोखा तोहफा बताया है।
सपनों को ऊंची उड़ान देने के लिए खरीदा ऑटो रिक्शा
दरअसल, वह बेहद गरीब परिवार से हैं। आज भी उनके लिए दो जून की रोटी कमाना बेहद मुश्िकल है। लेकिन फिर भी वो गर्भवती महिला और बच्चे को नि:शुल्क सवारी कराते हैं। अपने सपनों को और भी ऊंची उड़ान देने के लिए उन्होंने सेकेंड हैंड ऑटो रिक्शा खरीद लिया। ऑटो रिक्शा को उन्होंने अपनी रूटीन लाइफ का सहारा बनाया। उनका कहना है कि इससे बढ़कर और बड़ा तोहफा क्या हो सकता है कि ऐसे किसी गर्भवती महिला या बच्चे की मदद कर पाते हैं।
गवर्नमेंट स्कॉलर की मदद से पूरी की पढ़ाई
एक गरीब परिवार से होने के बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करके दिखाई। पढ़ाई पूरी करना उनका सपना था। गवर्नमेंट स्कॉलरशिप की मदद से उन्होंने अपनी तमिल साहित्य की डिग्री पूरी की। पैसे की कमी के कारण वह एमफिल पूरा नहीं कर सके। जिंंदगी को बेहतर तरह से जीने के लिए उन्होंने दूसरा जरिया चुना। एक बार उनके पास नौकरी का ऑफर भी आया लेकिन उन्होंने नहीं चुना।
बन गए तमिलनाडु के हीरो
अपनी इस अनोखी कारगुजारी से वह तमिलनाडु के हीरो बन गए हैं। अब तो एक तरह से यह उनकी यूएसबी भी बन गई है। एएनआई रिपोर्ट के मुताबिक वह कोयंबटूर के अलावा इंटरनेट के हीरो बन गए हैं। लोकल ट्रैफिक गार्ड भी उन्हें बखूबी पहचानते हैं। इसके अलावा वह स्थानीय प्रशासन के बीच भी खूब पहचाने जाते हैं।