दुबई के मॉडर्न पंजाबी ब्वॉय से लेकर 'वारिस पंजाब दे' का चीफ बनने तक, आखिर कैसे अमृतपाल सिंह बना कट्टरपंथी नेता
Amritpal Singh: कुछ सालों में 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह पर अलगाववादी भावनाओं को बढ़ावा देने और खालिस्तानी विचारधारा के लिए लोगों को प्रेरित करने का आरोप है।
Amritpal Singh Life Story: खालिस्तानी नेता और 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने 23 अप्रैल की सुबह मोगा से गिरफ्तार कर लिया है। अमृतपाल सिंह 18 मार्च से फरार था।कट्टरपंथी खालिस्तानी नेता अमृत पाल सिंह अजनाला कांड के बाद पुलिस के रडार पर आया था।
फरवरी 2023 में अजनाला में एक पुलिस थाने पर अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगी द्वारा हमला किया गया था। लेकिन आपको जानकारी हैरानी होगी कि कट्टरपंथी नेता अमृतपाल अभी से कुछ सालों पहले तक दुबई में रहने वाले एक मॉर्डन पंजाबी लड़का था, जो पगड़ी तक नहीं पहनता थ।
दुबई में रहकर रूढ़िवादी लाइफ स्टाइल को ना फॉलो करने वाले 30 वर्षीय अमृतपाल सिंह आखिर कैसे खालिस्तानी नेता और 'वारिस पंजाब दे' के चीफ बन गए। आइए जानें दुबई के मॉडर्न पंजाबी ब्वॉय के साथ ऐसा क्या हुआ कि वह कट्टरपंथी खालिस्तानी नेता बन गए।
दुबई में ट्रक ड्राइविंग का काम करते थे अमृतपाल
अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह पंजाब के अमृतसर के जल्लूपुर गांव के रहने वाले हैं। फरवरी 2022 तक अमृतपाल सिंह दुबई में रह कर अपने रिश्तेदार के ट्रांसपोर्ट बिजनेस में मदद करता था। रिपोर्ट के मुताबिक वह ट्रक ड्राइविंग का काम करता था।
दिलचस्प बात यह है कि अतीत में खालिस्तानी नेताओं के विपरीत अमृतपाल ने रूढ़िवादी सिख लाइफ स्टाइल को फॉलो ना करके, एक मॉर्डन पंजाबी ब्वॉय बनकर रहने का फैसला किया था। अमृतपाल पहले पगड़ी भी नहीं पहनते थे। पग पहनना सिखों के मूलभूत प्रतीकों में से एक माना जाता था। पहले की तस्वीरों में अमृतपाल एक फैंसी हेयरकट रखते हुए दिखाई देते हैं। पहले वह सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते थे।
15 फरवरी 2022 को बदल गया सबकुछ
15 फरवरी 2022 के बाद से अमृतपाल सिंह के लाइफ में बहुत कुछ बदल गया। इसी दिन पंजाबी अभिनेता और तत्कालीन 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख दीप सिद्धू की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। दीप सिद्धू भी अमृतपाल सिंह की तरह सिख-प्रैक्टिस को फॉलो नहीं करने वाले सिख थे।
दीप सिद्धू ने किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी 2021 को लाल किले में निशान साहिब (सिखों का ध्वज) फहराए जाने की बात के लिए खुद जिम्मेदारी ली थी। उन्होंने सितंबर 2021 में "पंजाब के अधिकारों के लिए लड़ने और अपनी संस्कृति की रक्षा करने" के लिए एक सामाजिक संगठन के रूप में 'वारिस पंजाब दे' संगठन की शुरुआत की थी।
दीप सिद्धू के निधन के बाद अमृतपाल बने 'वारिस पंजाब दे' के चीफ
अब दीप सिद्धू के निधन के बाद अमृतपाल सिंह अचानक कहां से और कैस पंजाब आए और उन्हें 'वारिस पंजाब दे' का चीफ बना दिया गया।
9 सितंबर 2022 को मोगा जिले के रोड गांव में आयोजित एक समारोह में जरनैल सिंह भिंडरावाले के गांव में अमृतपाल सिंह को उनके समर्थकों द्वारा 'वारिस पंजाब दे' का अगला प्रमुख नियुक्त किया गया।
हालांकि दीप सिद्धू के रिश्तेदारों ने खुद को अमृतपाल सिंह से दूर कर लिया। कुछ रिपोर्टों के मुताबिक अमृतपाल सिंह पर अलगाववादी प्रचार प्रसार के लिए संगठन का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया गया है।
खुफिया विभाग ने कहा- ISI का एजेंट है अमृतपाल
खुफिया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अमृतपाल सिंह ISI का एजेंट है। दुबई में रहने के दौरान अमृतपाल सिंह पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी ISI के संपर्क में आया था। ISI ने ही अमृतपाल सिंह को धर्म के नाम पर भोले-भाले युवा सिखों को फंसाने का निर्देश दिया है। खुफिया विभाग का कहना है कि अमृतपाल सिंह का पंजाब में आना और अचानक लोगों के लिए आवाज उठाने का दिखावा करना, ये सारी प्लानिंग उसी के हिसाब से की गई है।
भिंडरावाले जैसी बनाने लगे अमृतपाल अपनी छवि!
'वारिस पंजाब दे' के चीफ बनने के बाद अमृतपाल सिंह ने आनंदपुर साहिब में अमृत समारोह (खालसा परंपरा में दीक्षा) में सबसे पहले हिस्सा लिया। उसके बाद अमृतपाल ने खालिस्तानी विचारक और उनके प्रेरणास्रोत जरनैल सिंह भिंडरावाले की तरह कपड़े पहनने लगे।
सिर्फ स्टाइल ही नहीं बल्कि अमृतपाल सिंह जरनैल सिंह भिंडरावाले की तरह चुभने वाले अंदाज में बोलने भी लगे और फोटो के लिए पोज भी उसी तेवर में दिए।
इसके बाद अमृतपाल ने खालसा प्रणाली में युवा लोगों के सामूहिक बपतिस्मा का आयोजन करके 'वारिस पंजाब दे' के क्षेत्र का विस्तार किया।
अपने कई इंटरव्यू में अमृतपाल सिंह ने खालिस्तान के निर्माण की मांग को सही ठहराते हुए कहा कि अगर कट्टरपंथी हिंदू, हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकते हैं, तो सिख राष्ट्र की मांग करने में कुछ भी गलत नहीं है।
अजनाला कांड के बाद चर्चा में आए अमृतपाल सिंह
अमृतपाल सिंह 24 फरवरी को सुर्खियों में आए, जब उन्होंने और उनके समर्थकों ने हथियार लेकर पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया और अपने सहयोगी लवप्रीत सिंह तूफान की रिहाई की मांग की।
उनके समर्थकों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और अमृतसर शहर के बाहरी इलाके अजनाला में पुलिस थाने में घुस गए थे। उन्होंने पुलिस से यह आश्वासन लिया कि अपहरण के एक मामले में हिरासत में लिए गए उनके सहयोगी लवप्रीत सिंह तूफान को रिहा कर दिया जाएगा। इस झड़प में छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। लवप्रीत सिंह तूफान को अगले दिन रिहा कर दिया गया था।
अमित शाह को भी दी थी अमृतपाल सिंह ने धमकी
अमृतपाल सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जिक्र कर गृह मंत्री अमित शाह को भी धमकी तक दे डाली थी। अमृतपाल सिंह ने कहा था, "अमित शाह ने कहा था कि वह खालिस्तान आंदोलन को बढ़ने नहीं देंगे। मैंने कहा था कि इंदिरा गांधी ने भी ऐसा ही किया था, और अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपको परिणाम भुगतने होंगे।'' अजनाला पुलिस स्टेशन में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए अमृतपाल सिंह ने कहा, 'हिंदू राष्ट्र' की मांग करने वालों के लिए, फिर मैं देखूंगा कि क्या वह एचएम बने रहते हैं नहीं।''
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