Amarnath Yatra 2022: दो साल बाद होगी यात्रा,अमित शाह ने लिया सुरक्षा तैयारियों का जायजा
नई दिल्ली,17 मई: दो साल बाद इस बार फिर से पवित्र अमरनाथ यात्रा की शुरुआत होने जा रही है। इसको लेकर आज केंद्रीय गृह मंत्रालय में गृह मंत्री अमित शाह ने यात्रा को लेकर सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की है। इस उच्च-स्तरीय बैठक में जम्मू और कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा समेत तमाम बड़े अधिकारी और सुरक्षा अधिकारी उपस्थित थे। यह यात्रा इस बार 30 जून से शूरू हो रही है और 11 अगस्त तक चलेगी। हाल के दिनों में प्रदेश में आतंकवादियों ने जिस तरह से टारगेट करके हमले किए हैं, उसको देखते हुए इस समीक्षा बैठक की अहमियत बढ़ गई है।
अमरनाथ
यात्रा
की
तैयारियों
को
लेकर
गृह
मंत्री
ने
की
बैठक
गृहमंत्री
अमित
शाह
ने
आज
गृह
मंत्रालय
में
सालाना
पवित्र
अमरनाथ
तीर्थयात्रा
के
लिए
सुरक्षा
तैयारियों
की
समीक्षा
की
है।
इस
बार
यह
यात्रा
दो
साल
बाद
30
जून
से
शुरू
हो
रही
है।
पिछले
दो
वर्ष
(2020
और
2021
में)
कोविड
महामारी
की
वजह
से
यह
पवित्र
यात्रा
स्थगित
रही
थी।
गृह
मंत्री
शाह
के
साथ
बैठक
में
जम्मू-कश्मीर
के
उपराज्यपाल
मनोज
सिन्हा,
केंद्रीय
गृह
सचिव
एके
भल्ला,
सीआरपीएफ
के
डायरेक्टर
जनरल
कुलदीप
सिंह,
बीआरओ
के
डीजी
लेफ्टिनेंट
जनरल
राजीव
चौधरी
के
अलावा
सीमा
सुरक्षा
बल
और
गृह
मंत्रालय
के
तमाम
बड़े
अधिकारियों
के
अलावा
इंटेलिजेंस
ब्यूरो
के
चीफ
अरविंद
कुमार
और
जम्मू-कश्मीर
के
डीजीपी
दिलबाग
सिंह
भी
मौजूद
थे।
30
जून
से
11
अगस्त
तक
चलेगी
यात्रा
30
जून
से
शुरू
हो
रही
श्री
अमरनाथजी
की
यह
पवित्र
यात्रा
इस
साल
11
अगस्त
को
समाप्त
होगी।
दक्षिण
कश्मीर
में
स्थित
अमरनाथ
यात्रा
में
हर
साल
देश-विदेश
के
हजारों
तीर्थयात्री
पहाड़ों
में
ट्रेकिंग
करके
पवित्र
गुफा
तक
पहुंचते
हैं
और
बाबा
बर्फानी
के
दर्शन
करते
हैं।
इस
गुफा
का
प्रबंधन
श्री
अमरनाथजी
श्राइन
बोर्ड
के
हाथों
में
है
और
जम्मू-कश्मीर
के
लेफ्टिनेंट
गवर्नर
इसके
पदेन
चेयरमैन
होते
हैं।
चप्पे-चप्पे
पर
रहेगी
नजर
इससे
पहले
13
मई
को
केंद्रीय
गृह
सचिव
एके
भल्ला
ने
केंद्र
शासित
प्रदेश
में
सुरक्षा
व्यवस्था
का
जायजा
लिया
था
और
यूटी
प्रशासन
से
यात्रा
के
लिए
सुरक्षाकर्मियों
की
आवश्यकता
को
लेकर
जानकारी
मांगी
थी।
शुरुआती
जानकारियों
के
मुताबिक
इस
बार
पवित्र
तीर्थयात्रा
की
सुरक्षा
में
केंद्रीय
सुरक्षा
बलों
के
अलावा
जम्मू-कश्मीर
पुलिस
फोर्स
के
भी
हजारों
जवान
तैनात
किए
जाएंगे।
इसके
साथ
ही
सिक्योरिटी
कैमरा,
ड्रोन
से
भी
यात्रा
पर
नजर
रखी
जाएगी।
पिछले
दिनों
आतंकियों
ने
जिस
तरह
से
कश्मीरी
ब्राह्मणों
को
निशाना
बनाया
है,
उसके
मद्देनजर
सुरक्षा
एजेंसियों
की
चुनौतियां
बढ़ी
हुई
हैं।