अम्फान-निसर्ग की मार सह चुके भारत पर मंडराया एक और 'चक्रवाती तूफान' का खतरा, इस राज्य में जारी हुआ अलर्ट
नई दिल्ली। भारत कोरोना महामारी से लगातार जूझ रहा है, संकट के इस दौर में देश को प्राकृतिक आपदाओं ने भी घेर रखा है, भूकंप, चक्रवात 'निसर्ग' और 'अम्फान' के बाद एक और तूफान देश की ओर बढ़ रहा है, भारतीय मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि बंगाल की खाड़ी में 'चक्रवाती तूफान' की आशंका पैदा हो रही हैं, जो कि अगले हफ्ते भारत के पूर्व तट की ओर आगे बढ़ेगा, 8 जून के आसपास पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के पूर्वी हिस्सों में एक निम्न दबाव वाला क्षेत्र बनने की संभावना है, निम्न दबाव के क्षेत्र की वजह से ओडिशा में 10 जून से भारी बारिश की आशंका है इसलिए यहां अलर्ट जारी है।
ओडिशा में 10 जून से होगा भारी बारिश
बता दें कि पिछले हफ्ते ओडिशा और पश्चिम बंगाल में आए चक्रवाती तूफान 'अम्फान' ने जबरदस्त तबाही मचाई थी, इस तूफान की वजह से पश्चिम बंगाल में 85 लोगों की मौत हो गई थी और करोड़ों का आर्थिक नुकसान भी हुआ था, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि ये कोरोना से भी भारी तूफान था, जिसने राज्य को काफी नुकसान पहुंचाया था। मौसम विभाग ने इसे 21 साल में आया सबसे भयंकर चक्रवात माना था। 1999 में आए तूफान के बाद यह पहला सुपर साइक्लोन था।
अम्फान-निसर्ग ने मचाई भारी तबाही
तो वहीं जून के पहले हफ्ते में अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफान 'निसर्ग' ने काफी तबाही मचाई। 2 जून को इस तूफान की वजह से महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। यह तूफान मुंबई भी पहुंचा और कई घरों पेड़ों को नुकसान पहुंचाया, इसमें तीन लोगों की मौत भी हो गई थी, विभाग ने कहा कि पिछले सवा सौ सालों में मुंबई आया यह सबसे भयंकर तूफान था। 'निसर्ग' के कारण महाराष्ट्र, गोवा-कोंकण और गुजरात में काफी बारिश हुई इसका असर एमपी पर भी रहा, वहां भी दो दिन काफी बारिश हुई है।
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क्यों आते हैं 'चक्रवात'?
पृथ्वी के वायुमंडल में हवा होती है, समुद्र के ऊपर भी जमीन की तरह ही हवा होती है, हवा हमेशा उच्च दाब से निम्न दाब वाले क्षेत्र की तरफ बहती है. जब हवा गर्म हो जाती है तो हल्की हो जाती है और ऊपर उठने लगती है, जब समुद्र का पानी गर्म होता है तो इसके ऊपर मौजूद हवा भी गर्म हो जाती है और ऊपर उठने लगती है।
निम्न दाब का क्षेत्र बनने लग जाता है....
इस जगह पर निम्न दाब का क्षेत्र बनने लग जाता है, आस पास मौजूद ठंडी हवा इस निम्न दाब वाले क्षेत्र को भरने के लिए इस तरफ बढ़ने लगती है. लेकिन पृथ्वी अपनी धुरी पर लट्टू की तरह घूमती रहती है, इस वजह से यह हवा सीधी दिशा में ना आकर घूमने लगती है और चक्कर लगाती हुई उस जगह की ओर आगे बढ़ती है, इसे चक्रवात कहते हैं।
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