आम लोगों के मुँह पर तमाचा है सरकार का बजट- अखिलेश ,लालू बोले: जनता ने बहुमत 2019 तक दिया था ना कि 2022 तक
नई दिल्ली। वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए आज वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से पेश किए गए बजट पर राजनीतिक दलों और व्यक्तियों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि 'गरीब-किसान-मजदूर को निराशा; बेरोजगार युवाओं को हताशा; कारोबारियों, महिलाओं, नौकरीपेशा और आम लोगों के मुँह पर तमाचा। ये जनता की परेशानियों की अनदेखी करने वाली अहंकारी सरकार का विनाशकारी बजट है। आख़री बजट में भी भाजपा ने दिखा दिया कि वो केवल अमीरों की हिमायती है. अब जनता जवाब देगी।' फिलहाल चारा घोटाले के आरोप में सलाखों के पीछे मौजूद राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के आधिकारिक ट्वीटर एकाउंट से ट्वीट किया गया है कि- 'किसानों को छला जा रहा है। जवाब दो! किसानों का क़र्ज़ा माफ़ क्यों नहीं किया? कृषकों की आय को 2022 तक दुगुना कैसे किया जाएगा? इसका रोड मैप क्या है? सिर्फ़ हवाई बातों और मुँह ज़ुबानी ख़र्च से आय दुगुनी हो जायेगी क्या? किसानों की आत्महत्या क्यों नहीं रूक रही?'
'जनता ने बहुमत 2019 तक दिया था ना कि 2022 तक'
लालू के एकाउंट से ट्वीट कर कहा गया है कि - 'जनता ने बहुमत 2019 तक दिया था ना कि 2022 तक। बड़ी चालाकी से अपनी विफलताओं और जवाबदेही को 2022 पर फेंक रहे है। बड़ा छाती कूटकर 60 दिन माँग रहे थे, 60 दिन!' बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रताप यादव ने ट्वीट कर कहा है कि - 'मोदी सरकार ने धरातल पर कुछ नहीं किया और ना ही कर रही। सरकार सिर्फ़ कागज़ों पर बातों के पकौड़े और जुमलों के बताशे उतार रही है।'
बजट में बिहार के लिए कुछ भी नहीं
तेजस्वी ने कहा कि- 'बजट में बिहार के लिए कुछ भी नहीं। बिहार को विशेष पैकेज और विशेष राज्य के दर्जे पर कुछ भी नहीं मिला। नीतीश कुमार बताए क्या यही उनके लिए डबल इंजन है? नीतीश जी की वजह से बीजेपी की केंद्र सरकार बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।' उन्होंने कहा कि - 'बजट किसानों के साथ छलावा है। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1600रू प्रति क्विंटल है लेकिन बाज़ार मे उस मूल्य पर कोई गेहूँ ख़रीदने वाला नहीं है।मजबूरन किसान को 1300 मे गेहूँ बेचना पड़ता है।किसका डेढ़ गुणा MSP देने की बात है? वातानुकूलित कैबिनों में बैठकर किसानों का भाग्य मत लिखिए।'
मोदी सरकार वोटों की खेती में लीन है
तेजस्वी ने कहा कि - 'किसानों की खेती की चिंता छोड़ मोदी सरकार वोटों की खेती में लीन है।बीजेपी देश से किसानों को समाप्त करना चाहती है। पूँजीपतियों का NPA 10 लाख करोड़ है लेकिन पूँजीपतियों की रखवाली मोदी सरकार 80 करोड़ किसानों का कुछ हज़ार करोड़ रुपए क़र्ज़ माफ़ नहीं कर सकती। किसानों की इतनी ही चिंता है तो क्यों नहीं उनका क़र्ज़ माफ़ कर देते आय तो उससे भी बढ़ जायेगी।'