विमान में मिली तीसरी जिंदगी ! भारत आ रहे शख्स को बर्मिंघम के Dr Vishwaraj Vemala ने दो बार दिया जीवनदान
डॉक्टर विश्वराज वेमाला 'धरती के उस भगवान' का नाम है जो विमान में सवार पैसेंजर को तीसरी जिंदगी दे चुके हैं। डॉ विश्वराज ब्रिटेन से भारत आ रहे विमान में सवार थे जब यात्री को कार्डियक अरेस्ट हुआ।
डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है। इसमें अतिश्योक्ति कुछ भी नहीं, क्योंकि जान संकट में आने पर यही ऐसे शख्स हैं जो लोगों को जीवनदान देते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ एक इंटरनेशनल फ्लाइट में जब एक डॉक्टर पांच घंटे तक संघर्ष करने के बाद यात्री की जान बचाने में सफल रहे। घटना ब्रिटेन के लंदनसे भारत आ रहे विमान में घटी। कड़ी मशक्कत के बाद पैसेंजर की जान बचाने वाले डॉक्टर ने खुद अपना एक्सपीरियंस शेयर किया है।
युवा यात्री को हार्ट अटैक, मां के सामने इलाज
इंसान के जान की हिफाजत करने की प्रेरक और रोमांचक दास्तां एअर इंडिया विमान की है। बर्मिंघम के क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल में लिवर विशेषज्ञ, 48 वर्षीय डॉ. विश्वराज वेमाला अपनी मां के साथ भारत जा रहे थे। तभी एक साथी यात्री को कार्डियक अरेस्ट हुआ। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक डॉ वेमाला ने 43 साल के पैसेंजर को कड़ी मशक्कत के बाद दो बार जीवनदान दिया। उन्होंने बताया कि विमान में मौजूद चिकित्सा आपूर्ति और यात्रियों के सामान की सहायता से 43 वर्षीय पैसेंजर को दो बार पुनर्जीवित किया जा सका।
40 हजार फीट की ऊंचाई पर इमरजेंसी
Dr Vishwaraj Vemala बताते हैं कि वह इस यात्रा के अनुभव को जीवन भर याद रखेंगे। उन्होंने कहा, "जाहिर है मेरी मेडिकल ट्रीटमेंट ट्रेनिंग के दौरान कार्डियक अरेस्ट जैसी इमरजेंसी से निपटने का अनुभव था, लेकिन हवा में और धरती से 40,000 फीट की ऊंचाई पर फ्लाइट में ट्रीटमेंट या इमरजेंसी का अनुभव कुछ ऐसा था जो पहले कभी नहीं हुआ।"
विमान में मिली लाइफ सपोर्ट दवा
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर में लंदन से भारत रही एअर इंडिया की उड़ान में सवार केबिन क्रू सदस्यों ने डॉक्टर की तलाश शुरू की। रिपोर्ट के मुताबिक जब यात्री को कार्डियक अरेस्ट हुआ और उसकी नब्ज और सांस नहीं चल रही थी। डॉ वेमाला ने कहा, "यात्री की सांस वापस लाने में लगभग एक घंटे का समय लगा।" उन्होंने बताया कि दूसरा कार्डियक अरेस्ट भी हुआ, लेकिन "सौभाग्य से, विमान में एक आपातकालीन किट थी। मुझे आश्चर्य हुआ, लेकिन लाइफ सपोर्ट में इस्तेमाल होने वाली दवा (resuscitative medication) भी इस किट में शामिल थी।"
साथी यात्रियों के पास मिले मेडिकल उपकरण
उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन और एक स्वचालित डीफिब्रिलेटर (defibrillator) के अलावा उनके पास ऐसा कुछ भी नहीं था, जिससे वे निगरानी कर सकें कि रोगी कैसे रिस्पॉन्ड कर रहा है। हालांकि, ये भी दिलचस्प तथ्य रहा कि अन्य सहयात्रियों से बात करने पर धरती से हजारों फीट की ऊंचाई पर विमान में ही उन्हें हार्ट-रेट मॉनिटर, पल्स ऑक्सीमीटर, ग्लूकोज मीटर और ब्लड प्रेशर मशीन जैसे उपकरण मिले। डॉ. वेमाला बताते हैं कि लंदन से एयर इंडिया की उड़ान में सवार अन्य यात्रियों की मदद से 43 साल के पैसेंजर को दो बार कार्डियक अरेस्ट जैसी इमरजेंसी के बाद भी बचा लिया गया।
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पांच घंटे की कड़ी मशक्कत
उन्होंने बताया कि रोगी को जब दूसरा कार्डियक अरेस्ट का सामना करना पड़ा, तो उसे एक बार फिर पहले से अधिक लंबे पुनर्जीवन (lengthy resuscitation) की जरूरत पड़ी। Dr Vishwaraj Vemala ने कहा, "हम उसे कुल मिलाकर पांच घंटे तक जिंदा रखने की कोशिश करते रहे।
नीचे देखिए जीवनदान देने वाले 'धरती के भगवान'- डॉक्टर वेमाला की तस्वीर
(फोटो सौजन्य- बिजनेस इनसाइडर)
मां ने पहली बार डॉक्टर बेटे को देखा
हालात की गंभीरता को भांपते हुए पायलट ने मुंबई हवाईअड्डे पर लैंडिंग की व्यवस्था की। आपातकालीन सेवा में तैनात कर्मचारियों ने मरीज की जान बचाने के लिए डॉक्टर वेमला का धन्यवाद किया और यात्री को सुरक्षित मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए ले जाया गया। बकौल डॉ वेमाला, "एक मेडिकल सलाहकार के रूप में मेरी सात वर्षों की सेवा के दौरान पहली बार ऐसा हुआ जब मेरी मां ने मुझे काम करते हुए देखा। इस कारण यह आपात अवसर भावुक भी बन गया।"