AIIMS प्रमुख बोले- जहां कोरोना के 10% केस वहां लॉकडाउन जरूरी, वायरस पर करना होगा दोतरफा वार
AIIMS प्रमुख बोले- जहां कोरोना के 10% केस वहां लॉकडाउन जरूरी, वायरस पर करना होगा दोतरफा वार
नई दिल्ली, 25 अप्रैल: भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर बेकाबू हो चुकी है। हर दिन कोविड-19 के 3 लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एम्स प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि देश में कोरोना वायरस पर काबू करने के लिए दोतरफा वार करने की जरूरत है। डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जिन इलाकों में कोविड पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ज्यादा है, वहां जल्द से जल्द संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की जरूरत है। डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, देश का हेल्थकेयर सिस्टम सरकार की विफलता की कीमत चुका रहा है। डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, "मेरे हिसाब से कोरोना वायरस पर हमें दोतरफा हमले की जरूरत है। पहला, स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे में सुधार पर तत्काल काम करना है, चाहे अस्पताल के बेड्स, दवा या ऑक्सीजन की कमी हो। दूसरा- कोरोना मामलों की संख्या में कमी करनी होगी। हम इतनी बड़ी संख्या में हर दिन एक्टिन केस को जारी नहीं रख सकते हैं।''
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एक निजी चैनल से बातचीत में डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, ''कोरोना पर काबू पाने के लिए हमने उन इलाकों पर ज्यादा फोकस करना होगा जहां कोविड पॉजिटिविटी रेट हाई है। जहां कोविड सक्रमण दर ज्यादा हैं उनको कंटेनमेंट जोन बनाना होगा। 10 फीसदी से ज्यादा कोविड मरीज हैं तो लॉकडाउन लगाने की जरूरत है, तब कोरोना का ट्रांसमिशन चेन कम होगा।''
डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, हेल्थ केयर सिस्टम कोरोना के बढ़ते केसों की कीमत चुका रहा है। लोगों की जिंदगी को बचाना जरूरी है। लेकिन हमें ट्रांसमिशन की श्रृंखला को तोड़ना होगा और कोरोना केसों को कम करना होगा।
दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी को लेकर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, राष्ट्रीय राजधानी में जो ऑक्सीजन की कमी का सवाल है वह सच में निराश और हताश करने वाला है। हमें यह देखने की जरूरत है कि संसाधनों को बेहतर तरीके से कैसे आवंटित किया जाए ... देश में ऐसे क्षेत्र हैं जहां ज्यादा सप्लायर है। हमें इसे वहां से उन राज्यों में ले जाने की जरूरत है, जहां कोरोना ज्यादा तबाही मचा रहा है।
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कोरोना वायरस के यूके वेरिएंट का जिक्र करते हुए डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, हमने कोरोना के दूसरी लहर का इतनी तेजी से फैलने का अनुमान नहीं लगाया था। पहली लहर धीमी थी ... हमारे पास सब कुछ बढ़ाने का समय था, अस्पताल के बेड्स दवा इत्यादी। इस बार हमें इसके फैलने संक्रमण दर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन हमें और अधिक सतर्क रहना चाहिए था।