ऑफिस ऑफ प्रॉफिट: AAP के 20 विधायकों के बाद बीजेपी के 4 MLA पर भी मंडरा रहा खतरा
चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने की सिफारिश के बाद अब हरियाणा के चार बीजेपी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग जोर पकड़ रही है। एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने इंडिया टुडे के साथ बातचीत में कहा कि आम आदमी पार्टी के विधायकों की तरह बीजेपी के चारों विधायक ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे में आते हैं। ऐसे में इनकी सदस्यता भी रद्द होनी चाहिए।
खट्टर सरकार ने पिछले साल ही इन्हें किया था नियुक्त
एडवोकेट भट्टी ने दावा किया है कि पिछले साल खट्टर सरकार ने चार बीजेपी विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव निुयक्त किया था। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने खट्टर सरकार की नियुक्तियों को अमान्य घोषित कर दिया था।
चुनाव आयोग और राज्यपाल को पत्र लिखेंगे भट्टी
एडवोकेट भट्टी का कहना है कि वह बीजेपी चारों विधायक- श्याम सिंह राणा, कमल गुप्ता, बख्शीश सिंह विर्क और सीमा त्रिखा की सदस्यता रद्द करने के लिए चुनाव आयोग और राज्यपाल को पत्र लिखेंगे। भट्टी ने बताया कि हरियाणा सरकार ने अपने हलफनामे में खुद इस बात को स्वीकार किया है कि संसदीय सचिवों को ज्यादा वेतन और भत्ते दिए गए। इन्हें राज्य की ओर से कार, स्टाफ और आवास भी उपलब्ध कराए गए। भट्टी का कहना है कि संसदीय सचिव के तौर पर चारों बीजेपी विधायकों को जो सुविधाएं मिली हैं, उनकी भरपाई कराई जाए।
आम आदमी पार्टी को पहले ही लग चुका है करारा झटका
ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को चुनाव आयोग से करारा झटका लग चुका है। चुनाव आयोग ने लाभ के पद मामले की सुनवाई करते हुए आप के 20 विधायकों को अयोग्य माना और उनकी सदस्यता रद्द करने के लिए राष्ट्रपति को सभी के नाम भेज दिए हैं। आप के जिन विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने की सिफारिश चुनाव आयोग ने की है, उनके नाम इस प्रकार हैं: आदर्श शास्त्री, अलका लांबा, संजीव झा, कैलाश गहलोत, विजेंदर गर्ग, प्रवीण कुमार, शरद कुमार चौहान, मदन लाल, शिव चरण गोयल, सरिता सिंह, नरेश यादव, राजेश गुप्ता, राजेश ऋषि, अनिल कुमार बाजपेई, सोम दत्त, अवतार सिंह, सुखबीर सिंह, मनोज कुमार, नितिन त्यागी, जरनैल सिंह।