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तालिबान की आक्रामकता से बेबस हुआ अफगानिस्तान, आर्मी चीफ का भारत दौरा रद्द

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नई दिल्ली, 26 जुलाई: अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते कहर के मद्देनजर वहां के आर्मी चीफ वली मोहम्मद अहमदजई ने भारत दौरा रद्द कर दिया है। गौरतलब है कि अहमदजई भारत यात्रा के दौरान सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल समेत बड़े सुरक्षा अधिकारियों के साथ बातचीत करने वाले थे। वह ऐसे समय में भारत आने वाले थे, जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी भारत पहुंचने वाले हैं। सोमवार को उनकी यात्रा रद्द करने की जानकारी अफगान दूतावास के हवाले से आई है।

अफगान आर्मी चीफ का भारत दौरा रद्द

अफगान आर्मी चीफ का भारत दौरा रद्द

बता दें कि वैसे तो अफगानिस्तानी सेना प्रमुख वली मोहम्मद अहमदजई की भारत यात्रा बहुत पहले से तय थी, लेकिन वो ऐसे वक्त में दिल्ली पहुंचने वाले थे, जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी भारत यात्रा पर आ रहे हैं। अहमदजई को 27 से जुलाई से 30 जुलाई तक भारत में रहना था। रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी यात्रा रद्द करन के लिए अफगानिस्तान की ओर से जो दलील दी गई है, उसमें कहा गया है- 'युद्ध की तीव्रता और तालिबान के बढ़ते हमले और आक्रमण'। अफगान दूतावास की ओर से इससे ज्याद जानकारी नहीं दी गई है। गौरतलब है कि इस समय अफगानिस्तान में हिंसा काफी बढ़ गई है और अफगानिस्तानी सेना की जवाबी कार्रवाई में तालिबान के कई आतंकी मारे जा चुके हैं।

तालिबान-अफगानी सेना में हो रही है जबर्दस्त जंग

तालिबान-अफगानी सेना में हो रही है जबर्दस्त जंग

अपनी भारत यात्रा के दौरान अफगानिस्तानी सेना प्रमुख पुणे भी जाने वाले थे, जहां कई संस्थानों में ट्रेनिंग ले रहे अफगानी कैडेटों से उनकी मुलाकात का भी कार्यक्रम था। जाहिर है कि अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों की आक्रामकता के चलते अभी वहां जो हालात बने हुए हैं, उसमें उनकी इस भारत यात्रा से वहां के सुरक्षा हालातों को लेकर स्थिति ज्यादा साफ होने की उम्मीद थी। गौरतलब है कि अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी शुरू होने के बाद से तालिबान बहुत ही आक्रमक हो चुका है। लेकिन, पहले अमेरिकी सेना ने उसकी बढ़त रोकने के लिए एयरस्ट्राइक किए हैं, और फिर अफगानिस्तानी सुरक्षा बलों ने अपने हाथ से निकले जिलों और महत्वपूर्ण केंद्रों को तालिबान से वापस लेने की कोशिश शुरू कर दी है। इस वजह से वहां कई इलाकों में दोनों के बीच जबर्दस्त जंग छिड़ी हुई है।

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तालिबान के साथ अफगानिस्तान पर पाक का भी बढ़ रहा है प्रभाव

तालिबान के साथ अफगानिस्तान पर पाक का भी बढ़ रहा है प्रभाव

जानकारी के मुताबिक इस समय भारत में अफगान के करीब 300 कैडेट ट्रेनिंग ले रहे हैं। इसके अलावा भारत, अफगान सेना के जख्मी जवानों को मेडिकल सहायता भी उपलब्ध करवा रहा है। भारत के लिए सबसे ज्यादा चिंता की वजह वे 7,000 पाकिस्तानी आतंकी हैं, जो लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों में शामिल होकर तालिबान का साथ दे रहे हैं। पाकिस्तानी आतंकी अफगानिस्तान के कई इलाकों में वहां की सेना के खिलाफ तालिबानी ऐक्शन में शामिल हैं, जो भारत की सुरक्षा के लिहाज से भी चिंताजनक है। अफगानिस्तान के कई जिलों पर तालिबान का कब्जा हो चुका है और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि अमेरिकी सेना के निकलते ही यह देश आतंकी संगठनों के हाथों में चला जाएगा। गौरतलब है कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ही पाकिस्तान पर तालिबान के आतंकियों को समर्थन देने और उन्हें पनाह देने का आरोप लगा चुके हैं।

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English summary
Afghan Army Chief Wali Mohammad Ahmadzai will not visit India at this time, his schedule postponed in view of the aggresion of Taliban
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