अधीर रंजन का तंज- 'अबकी बार-ट्रंप सरकार' पर सवाल नहीं, तो क्यों रिहाना पर हो रहा बवाल
Farmers Protest Update: शुरुआत में किसानों का आंदोलन पंजाब-हरियाणा तक ही सीमित था, लेकिन गणतंत्र दिवस हिंसा के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी चर्चा होने लगी। हाल ही में अमेरिकी पॉपस्टार रिहाना और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने इस पर टिप्पणी की थी, जिस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने उन्हें आतंरिक मामलों में दखल ना देने की नसीहत दी। अब इस मामले में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पलटवार किया है।
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एक के बाद एक तीन ट्वीट करके अधीर रंजन ने रिहाना और ग्रेटा का समर्थन किया है। उन्होंने लिखा कि कुछ नेशनलिस्ट ने अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान 'अबकी बार-ट्रंप सरकार' का नारा दिया था, उसका क्या मतलब था? जब हमने George Floyd पर हुई बर्बरता के खिलाफ आवाज उठाई तो भी किसी ने सवाल नहीं किया, लेकिन जब रिहाना और ग्रेटा किसान आंदोलन के पक्ष में बोलीं, तो हम इतने परेशान क्यों हो रहे हैं।
उन्होंने आगे लिखा कि हम वैश्विक समाज में रह रहे हैं। हमें किसी की भी आलोचना से डरने के बजाए आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। किसान जो फसल उगाते हैं, उसी को खाकर हम सब बड़े हुए हैं। बेहतर यही होगा सभी को भारतीय किसानों के साथ एकजुटता को व्यक्त करना चाहिए।
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क्या
था
रिहाना
और
ग्रेटा
का
ट्वीट?
दरअसल
सबसे
पहले
पॉपस्टार
ने
एक
न्यूज
लिंक
को
शेयर
किया,
जिसमें
किसान
आंदोलन
और
दिल्ली
की
सीमाओं
पर
इंटरनेट
सेवाओं
के
बंद
होने
का
जिक्र
था।
इसके
साथ
ही
उन्होंने
किसानों
के
आंदोलन
का
पूरी
तरह
से
समर्थन
किया।
रिहाना
के
बाद
ग्रेटा
थनबर्ग
ने
भी
ट्वीट
कर
लिखा
कि
वो
भी
किसान
आंदोलन
का
समर्थन
करती
हैं।
इसके
बाद
कई
भारतीय
हस्तियां
दोनों
के
विरोध
में
उतर
आईं
और
उन्हें
अपने
काम
से
मतलब
रखने
की
सलाह
दी।